TECHNICAL ANALYSIS TREND

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TECHNICAL ANALYSIS – TREND

TECHNICAL ANALYSIS में ‘TREND’ का मतलब है, CANDLES या STOCK PRICE POINT को जोड़ने से बनने वाला DIRECTION –(दिशा)

यह TECHNICAL ANALYSIS में सबसे महत्वपूर्ण CONCEPTS अवधारणाओं में से एक है।और हम TECHNICAL ANALYSIS में इसी ट्रेंड्स  को समझने का प्रयास करते है.

ट्रेंड के बारे में  ऐसा माना जाता है, कि जो भी ट्रेंड्स बना हुआ है, वो आगे भी बना रहेगा, जब तक कि कोई दूसरा ट्रेंड न आये,

यानी अगर कोई STOCK UP TREND LINE दिखा रहा है, मतलब वो कुछ समय और हो सकता है UPTREND यानी (तेजी ) बना रहेगा,

यानी अगर कोई STOCK DOWN TREND LINE दिखा रहा है, मतलब वो कुछ समय तक हो सकता है  DOWNTREND (मंदी )में रहेगा, और BULLISH बना रहेगा.

अगर सीधा सीधा कहा जाये तो मार्केट में , तेजी और मंदी को एक नजर में समझने के लिए हम ट्रेंड लाइन  का इस्तेमाल करते है.

 TRENDS LINE क्या होता है?

एक चार्ट पे किसी STOCK के PRICE को उसके TIME FRAME के अनुसार उसके अलग अलग PRICE POINT को मिलाते हुए एक लाइन खिंची जाती है, इसी लाइन को STOCK की ट्रेंड लाइन  कहते है.

ट्रेंड लाइन के प्रकार –

पुरे TECHNICAL ANALYSIS में ट्रेंड लाइन  तीन प्रकार की होती है,

  1. UP TREND LINE

जब TREND LINE ऊपर की तरफ जाये तो कह सकते है कि STOCK , UP TREND कहते है

अप ट्रेंड  को बुलिश ट्रेंड (तेजी का दौर ) भी कहा जाता है,    

  1. DOWN TREND LINE

जब ट्रेंड लाइन  नीचे की तरफ जाये तो कह सकते है कि STOCK , डाउन ट्रेंड में है ,                                                                                               

डाउन ट्रेंड को बिअरिश ट्रेंड  (मंदी का दौर ) भी कहा जाता है,

  1. SIDEWAYS TREND LINE

जब TREND LINE ना ऊपर जाये और ना ही नीचे, बल्कि सीधी लाइन बन जाये तो इस तरह कि TREND LINE को SIDEWAYS ट्रेंड (करेक्शन, CORRECTION)भी  कहते है,

TIMES OF TRENDS- TRENDS कितने समय के लिए होता है,

अगर बात की जाये कि, कोई TREND कितने समय के लिए होता है, तो हमें एक चीज़ समझनी चाहिए कि, इसका कोई निश्चितता नहीं है कि TREND कितने समय के लिए बना रहेगा,

उतार चढाव तो लगे ही रहते है, और कोई भी TREND उस STOCK से जुडी किसी खास बात से कभी भी टूट सकता है, वो खास बात कुछ भी सकता है, जो लोगो को लगता है कि उस NEWS का उस कंपनी के STOCK पर प्रभाव रहेगा.

अगर जो ट्रेंड  पहले से बना हुआ है, उसकी बात की जाये तो हम ट्रेंड को तीन भाग में बाट सकते है,

  1. SHORT TERMS TRENDS

    अगर किसी स्टॉक का ट्रेंड  एक महीने या उस से कम समय के लिए बना हुआ है, तो इस तरह के ट्रेंड को SHORT TERM TREND कहते है.

इस तरह के शोर्ट टर्म ट्रेंड कि पहचान करने के लिए आपको कुछ महीनो यानी पिछले 2 से 3 महीने  का चार्ट देखना पड़ता है.

  1. MEDIUM TERM TRENDS

    – अगर किसी स्टॉक का ट्रेंड  एक महीने से ज्यादा और लगभग एक साल तक के लिए बना हुआ है, तो इस तरह के ट्रेंड को MEDIUM TERM TREND कहते है.

इस तरह के MEDIUM TERM TRENDS कि पहचान करने के लिए आपको पिछले 2 से 3 साल  का चार्ट देखना पड़ता है.

  1. LONG TERM TRENDS

    अगर किसी स्टॉक का ट्रेंड एक साल या उस भी ज्यादा समय के लिए बना हुआ है, तो इस तरह के ट्रेंड को LONG TERM TREND कहते है.

इस तरह के LONG TERM TRENDS कि पहचान करने के लिए आपको पिछले 2 साल से अधिक  का चार्ट देखना पड़ता है

TRENDS IS YOUR FRIENDS

ट्रेंड्स के बारे में एक चीज़ समझना जरुरी है, कि SHARE MARKET में TREND IS YOUR FRIEND यानी ट्रेंड  ही हमारा इकलौता दोस्त होता है, और कोई नहीं, और इसलिए हमें हमेशा अपने ट्रेंड के साथ बने रहना चाहिए, आप और किसी चीज़ पे विस्वास करने से पहले एक बार ट्रेंड  जरुर चेक कर ले,

ऐसा इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि MARKET ज्यादातर ट्रेंड को ही FOLLOW करता है, बस जैसा ही कोई ट्रेंड बनता दिखे, हमें उसके साथ साथ अपने अपने TRADES लेने चाहिए,

और MARKET में ट्रेंड्स  बदलता रहता है, बस बदलते ट्रेंड के साथ आप भी बने रहे, यही इस MARKET में सफलता का बहुत बड़ा मंत्र है.

अगर आप बिना ट्रेंड को समझे ही TRADE ले रहे है, तो आप इस MARKET के नियम के खिलाफ TRADE ले रहे है, और आपको ज्यादातर मौको पे नुकसान उठाना पड़ सकता है.

TRENDS का महत्व 

ट्रेंड वास्तव में TECHNICAL ANALSYSIS का मुख्य आधार है, हम TECHNICAL ANAYLYSIS का STUDY इस लिए करते है कि हमें STOCK के पिछले ट्रेंड  के आधार पर आने वाले ट्रेंड के बारे में ADAVNCE में जानकर ट्रेंड के साथ जुड़े, और फायदा उठाये.

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