TECHNICAL ANALYSIS- SPINNING TOP
SPINNING TOP एक Single candlestick पैटर्न का बहुत IMPORTANT candlestick पैटर्न है,
स्पिनिंग टॉप के फायदे-
स्पिनिंग टॉप एक ऐसा CANDLESTICK पैटर्न है, जो मार्केट में आगे जो भी होने वाला है, वो स्पस्ट नहीं बताता, बल्कि ये हमें सावधानी के साथ आगे बढ़ने का सन्देश देता है, स्पिनिंग टॉप कैंडल आने के बाद मार्केट ऊपर भी जा सकता और नीचे भी, हमें अपने TRADE लेने से पहले स्पिनिंग टॉप दिखने पे सावधान रहना चाहिए,
स्पिनिंग टॉप कैंडल कैसे बनता है –
स्पिनिंग टॉप कैंडल तब बनता है जब किसी STOCK के OPENING PRICE और CLOSING PRICE में तो एक छोटा अंतर हो, लेकिन STOCK के LOW PRICE और HIGH PRICE में बहुत ज्यादा अंतर होता है,
स्पिनिंग टॉप की पहचान
1. स्पिनिंग टॉप बनने से पहले क्या TREND था, यानी पिछला TREND महत्वपूर्ण नहीं होता,
2. एक छोटा REAL BODY और LONG UPPER और LONG LOWER SHADOW से मिलकर बना होता है,
(स्पिनिंग टॉप का REAL BODY किसी शेयर के OPENING और CLOSING PRICE का RANGE होता है)
(स्पिनिंग टॉप का UPPER AND LOWER SHADOW किसी शेयर के जो STOCK के WIDE RANGE PRICE MOVEMENT को बताता है)
3. स्पिनिंग टॉप कैंडल का COLOR उतना IMPORTANT नहीं होता है, IMPORTANT बस इतना है की यह CANDLESTICK PATTERN मार्केट में INDESICON यानी अनिश्चितता को बताता है`, कुछ भी हो सकता है, MARKET ऊपर भी जा सकता और निचे भी.
4. स्पिनिंग टॉप कैंडल का उदहारण-
SPINNING TOP- SHARE MARKET HINDI
SPINNING TOP का प्रभाव –
आइये अब बात करते है कि स्पिनिंग टॉप का मार्केट में क्या प्रभाव होता है,
1. BULLISH TREND में स्पिनिंग टॉप का प्रभाव-
अगर स्पिनिंग टॉप BULLISH TREND में आता है, तो इसका दो प्रभाव हो सकता है, या तो थोड़े CORRECTION के बाद BULLISH TREND बना रहेगा,
या फिर हो सकता है स्पिनिंग टॉप के कारण MARKET का BULLISH TREND टूट जाये, और मार्केट निचे की तरफ जाये.
2. BEARISH TREND में स्पिनींग टॉप का प्रभाव-
अगर स्पिनिंग टॉप BEARISH TREND में आता है, तो इसका दो प्रभाव हो सकता है, या तो थोड़े CORRECTION के बाद BEARISH TREND बना रहेगा,
या फिर हो सकता है स्पिनिंग टॉप के कारण MARKET का BEARISH TREND टूट जाये, और मार्केट ऊपर की तरफ जा सकता है.
SPINNING TOP – इसके ऊपर TRADER ACTION PLAN
अगर सीधा सीधा कहा जाये तो स्पिनिंग टॉप जब दिखता है, तो हमें ये समझना चाहिए कि मार्किट में किसी TREND को निश्चित नहीं माना जा सकता,
यानी स्पीनिंग टॉप के बाद होने वाले मार्केट में उतार चढाव के बारे में कोई CLARITY नहीं होती,
इसलिए एक TRADER को ऐसा करना चाहिए –
1. अगर वो TRADE लेना चाहता है, तो पूरी QUANTITY न लेके आधी QUANTITY में TRADE लिया जा सकता है.
2. MARKET में एक नए TREND के बनने तक का WAIT किया जा सकता है.
NOTES: अगर आप किसी भी CANDLESTICK PATTERN के आधार पर ट्रेड लेते है, STOCK खरीदते है, या बेचते है, तो आपको अपने TARGET PRICE का इन्तेजार करना है, और अगर आपका STOP LOSS हिट होता है, तो आपको TRADE से NIKALKAR दुसरे TRADE में मौका ढूँढना चाहिए,
अगर आप ऐसा नहीं करते है, तो आप TECHNICAL ANALYSIS को फॉलो नहीं कर रहे है, आप कुछ और कर रहे है.
sir ,aise me puchase/sell price kya rakhe aur stop loss kitna rakhe