PORTFOLIO DIVERSIFICATION क्या होता है?
आज का हमारा टॉपिक है – PORTFOLIO DIVERSIFICATION (पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन),
आज के इस आर्टिकल में हम जानेगे PORTFOLIO DIVERSIFICATION क्या होता है, और इसके क्या फायदे है, साथ ही जानेंगे कि एक निवेशक के तौर पे हम अपने पोर्टफोलियो को कैसे डायवर्सिफाई कर सकते है,
सबसे पहले बात करते है,
यहाँ पर पढ़े – पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या होता है,
PORTFOLIO DIVERSIFICATION – www.sharemarkethindi.com
PORTFOLIO DIVERSIFICATION क्या होता है?
हमने देखा पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या होता है, और अब बात करते है, पोर्टफोलियो डाइवरसिफ़ीकेशन की,
DIVERSIFICATION (डायवर्सिफिकेशन) का हिंदी अर्थ होता है विविधता,
सबसे पहले बात आती है, बचत की, फिर बात आती है निवेश की, फिर हम निवेश के बेहतर विकल्प की तलाश होती है, फिर हम जो निवेश करते है, उस पर हमें निरंतर लाभ कमाना चाहते है,
और निवेश पर निरंतर लाभ कमाने के लिए हमें अपने निवेश के पोर्टफोलियो को इस तरीके से मैनेज करना होता है, कि हम निवेश से बेहतर लाभ भी कमाए, और बेहतर तथा निरंतर लाभ के साथ हमारा मकसद कम से कम रिस्क उठाना होता है,
बेहतर अपेक्षित और निरंतर लाभ के साथ रिस्क कण्ट्रोल के सन्दर्भ में ही बात आती है ,पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन की,
PORTFOLIO DIVERSIFICATION निवेश में संभावित RISK को कण्ट्रोल करने के एक तरीका है, जिसके द्वारा निवेश के विभिन्न विकल्पों में अपनी रिस्क उठाने की क्षमता के अनुसार अपने टोटल इन्वेस्टमेंट को अलग अलग निवेश के विकल्पों में बाट कर निवेश किया जाता है,
निवेश के अलग अलग विकल्पों में अपनी रिस्क उठाने की क्षमता के अनुसार निवेश करने को PORTFOLIO DIVERSIFICATION कहा जाता है,
पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन की मदद से ही बेहतर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और निवेश में रिस्क को कण्ट्रोल किया जा सकता है,
आइये अब जानते है पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के फायदो के बारे में,
PORTFOLIO DIVERSIFICATION के फायदे-
1. CONTROL THE RISK ON INVESTMENT-
हम में से कोई नहीं चाहता की ज्यादा लाभ के चक्कर में हमारी निवेश की पूंजी या हमारे बचत के पैसो का नुकसान हो जाये , इसलिए हम सभी को अपनी रिस्क क्षमता के अनुसार निवेश का विकल्प तलाश करना होता है,
निवेश के समबन्ध में एक लोकप्रिय कहावत है – LOW RISK LOW PROFIT, HIGH RISK HIGH PROFIT,
ज्यादातर निवेश जिसमे RISK कम होता है, वहा लाभ भी काफी कम मिलता है, और HIGH RISK में पूंजी LOSS का डर होता है,
इसलिए हमें अपने निवेश पोर्टफोलियो को इस प्रकार DIVERSIFY करना होता है, जिस से की हम CALCULATED RISK पर बेहतर लाभ कमा पाए, और ऐसे में पोर्टफोलियो DIVERSIFICATION तकनीक बहुत काम आती है,
2. TAKING PROFIT FROM GROWING SECTOR
जब हम अपने पोर्टफोलियो को DIVERSIFY करते है, तो हमारी पूंजी का कुछ हिस्सा हमेशा ऐसे सेक्टर में रखा जाता है, जो निकट भविष्य में बहुत DEVELOPMENT करने वाले हो,
इस तरह हम व्यापर के अलग अलग सेक्टर में होने वाले लाभ का फायदा उठा पाते है,
कभी कभी कोई एक सेक्टर बहुत ज्यादा डेवलपमेंट के बाद काफी स्लो हो जाता है, जैसे REAL ESTATE,
ऐसे में आप को DIVERSIFICATION के माध्यम से हमेशा ऐसे विकल्पों का चुनाव करना चाहिए, जो की TREND में हो और लाभ दे रहे हो.
अगर आप स्टॉक मार्केट की बात करे तो, स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी अलग अलग सेक्टर की होती है, और ऐसे में कभी PHARMA SECTOR अच्छा काम करता है, तो कभी BANKING तो कभी इन्फ्रास्ट्रक्चर
तो ऐसे में हमारा डायवर्सिफिकेशन के माध्यम से हमारी कोशिस यही होनी चाहिए कि हम GROWING SECTOR का लाभ उठा सके,
अगर दो शब्दों में कहे तो, DIVERSIFICATION से हम TREND का फायदा उठा सकते है,
इम्पोर्टेन्ट : हालाँकि ध्यान देने वाली बात ये है, कि पोर्टफोलियो DIVERSIFICATION रिस्क फ्री निवेश की गारंटी नहीं है, आपको अपने निवेश पोर्टफोलियो पे हमेशा नजर रखनी चाहिए, क्या आपका निवेश आपके फाइनेंसियल गोल्स के अनुसार लाभ दे रहा है या नहीं, अगर नहीं तो उसमे क्या आवश्यक बदलाव किया जा सकता है.
पोर्टफोलियो को कैसे डायवर्सिफाई करे –
पोर्टफोलियो को DIVERSIFY करना पूरी तरह हमारी रिस्क उठाने की क्षमता और अलग अलग निवेश के विकल्पों के बारे में हमारी KNOWLEDGE और अनुभव पर निर्भर होता है,
पोर्टफोलियो DIVERSIFY करने के कुछ STEP इस प्रकार से उठाये जा सकते है –
- सबसे पहले अपने निवेश के लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए- और इस बातो को ध्यान में रखना चाहिये की निवेश से हम कितना लाभ (ROI) प्राप्त करना चाहते है,
- फिर अपने निर्धारित और अपेक्षित (expected) लाभ (ROI) के लिए निवेश के विकल्पों की तलाश करनी चाहिए,
- साथ ही साथ अपने RISK TO REWARD को भी ध्यान में रखना चाहिए, जैसे अगर आप 5 % लाभ के लिए क्या आप 5% नुकसान उठा सकते है, यहाँ 1:1 का रिस्क रिवॉर्ड RATIO है, आप अपना रिस्क तो रिवॉर्ड रेशिओ जरुर तय कर ले.
- इस प्रकार आप इन्वेस्टमेंट के उपलब्ध विकल्पों में अपने लिए जिस निवेश में आपको जो रिस्क रिवॉर्ड रेश्यो और निवेश के ऊपर तय लाभ के आधार पर इन्वेस्टमेंट कर सकते है,
- जैसे – अगर आपकी उम्र 30 से आस पास है तो आप ज्यादा रिस्क उठाने की स्थिति में है, और ऐसे में आप अपना 60% निवेश स्टॉक मार्केट में कर सकते है, बाकि 20 % Mutual Fund और बाकी फिक्स्ड डिपाजिट में रख सकते है,
पोर्टफोलियो बनाने से पहले आपको Term Insurance भी जरुर लेके रखना चाहिए, जो आपके लाइफ रिस्क को कवर कर सके.
PORTFOLIO DIVERSIFICATION– SUMMARY.
ध्यान देने वाली बात ये है कि पोर्टफोलियो बनाना या Diversify करना, हर एक व्यक्ति के ऊपर अलग अलग तरह से हो सकते है, इसलिए बेहतर है, पहली बार अपना पोर्टफोलियो बनाने से पहले अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से जरुर सलाह ले.
अगर पोस्ट अच्छा लगा तो नीचे अपना कमेंट या सवाल जरुर लिखे,
very nice