PIERCING PATTERN
PIERCING PATTERN एक बुलिश पैटर्न है, और यह डाउन ट्रेंड में एकदम निचे BOTTOM में बनता है, काफी हद तक बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न से मिलता जुलता है, और ये एक BULLISH PATTERN है और इसलिए एक ट्रेडर को PIERCING के आधार पर LONG POSITION का मौका देखना चाहिए और शेयर्स खरीदना चाहिए,
PIERCING PATTERN कैंडल पैटर्न कैसे बनता है?
- पिएरसिंग पैटर्न बनने से स्टॉक पहले से डाउन ट्रेंड में होता है, और price और निचे जाता रहता है,
- और पिएरसिंग पैटर्न बनने के पहले सेशन में एक रेड (BEARISH) कैंडल बनता है, जो कि डाउन ट्रेंड में अक्सर होता है,
- लेकिन दुसरे सेशन में एक ग्रीन (BULLISH) कैंडल बनता है, जो पिछले RED कैंडल के साइज़ में आधा 50% या उस से ज्यादा लेकिन 100 % से कम होता है,
जिसका OPEN PRICE और LOW PRICE पहले बने रेड कैंडल से भी कम होता है, लेकिन उसका CLOSE PRICE और HIGH PRICE पहले बने रेड कैंडल से थोडा ज्यादा होता है,
- और इस तरह एक नया बुलिश कैंडल बनने से आगे ऐसी आशा कि जाती है, स्टॉक का जो पिछला DOWN TREND चला आ रहा था, वो अब टूट जायेगा और इस कारण अब आगे मार्केट बुलिश रहेगा , और हमको हमारी ट्रेड कि POSITION लॉन्ग रखनी चाहिए, और स्टॉक BUY करने चाहिए,
PIERCING PATTERN की पहचान –
- PIERCING PATTERN बनने से पहले स्टॉक DOWN TREND में होना चाहिए,
- PIERCING PATTERN का पहला कैंडल एक REAL BODY के साथ रेड यानी मजबूत BEARISH कैंडल होना चाहिए,
- बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न का दूसरा कैंडल एक REAL BODY के साथ एक मजबूत बुलिश यानी ग्रीन कैंडल होना चाहिए, जिसका साइज़ पहले कैंडल से आधा या आधे से ज्यादा लेकिन पहले से कम हो यानी 50 से 100 % के बीच हो ,
- दोनों CANDLE का COLOR महत्वपूर्ण है, पहला BEARISH और दूसरा बुलिश
- दोनों कैंडल को देखने पर ऐसा लगे कि पहला कैंडल, दुसरे कैंडल कि रियल बॉडी के अन्दर पूरा तो नहीं पर आधा आ जायेगा,
- PIERCING PATTERN कैंडल का उदहारण-
PIERCING PATTERN – www.sharemarkethindi.com
PIERCING PATTERN का प्रभाव –
आइये अब बात करते है कि पिएरसिंग पैटर्न का मार्केट में क्या प्रभाव होता है,
- DOWN TREND में पिएर्सिंग पैटर्न दिखने के बाद , ऐसी आशा की जाती है कि , अब REVERSAL आ सकता है, और मार्केट BULLISH रहेगा, इसीलिए हमें स्टॉक खरीदने के मौके देखने चाहिए.
PIERCING PATTERN के ऊपर TRADER ACTION PLAN
पिएरसिंग पैटर्न एक BULLISH कैंडल है इसलिए, हमें इस पैटर्न के आधार पर अपनी LONG POSITION रखनी चाहिए,यानी स्टॉक को खरीदना चाहिए
अब सवाल है कि कब ख़रीदे और कितने में ख़रीदे और STOP LOSS क्या हो ?
और इस तरह पिएरसिंग पैटर्न के ऊपर हमारा ट्रेड सेट अप इस तरह रहेगा.
TRADE SET UP – BASED ON PIERCING PATTERN
- अगर आप RISK TAKER ट्रेडर है तो आप पिएरसिंग पैटर्न कन्फर्म होने के साथ तुरंत ट्रेड ले सकते है,
और अगर आप RISK TAKER नही है तो आप पिएरसिंग पैटर्न बनने के बाद अगले कैंडल के BULLISH होने पर डबल कन्फर्मेशन के साथ ट्रेड ले सकते है,
- TARDE का SET उप इस तरह हो सकता है,
- BUY PRICE= पैटर्न के दुसरे यानी BULLISH कैंडल के CLOSING PRICE के आस पास
- STOP LOSS = पैटर्न का सबसे LOWEST PRICE
- TARGET = आप अपनी RISK MANAGEMENT के अनुसार टारगेट सेट कर सकते है.
NOTES: अगर आप कोई भी ट्रेड लेते है तो तीन चीज़ हो सकता है ..
- मार्केट आपकी सोच के अनुसार BULLISH हो सकता है – आप अपना PROFIT BOOK सही समय देखकर जरुर कर ले.
- मार्केट आपकी सोच के विपरीत BEARISH हो सकता है –और अगर आपका STOP LOSS हिट हो रहा है तो , TRADE से EXIT कर ले.
- अगर MARKET SIDWAYS हो जाता है, तो आप इन्तेज़ार कर सकते है, और अपनी नजर बनाये रखे.
अगर आप ऐसा नहीं करते है, तो आप TECHNICAL ANALYSIS को फॉलो नहीं कर रहे है, आप कुछ और कर रहे है, और फिर सब कुछ किस्मत के भरोसे यानी GAMBLING हो जाएगी.
Sir Please ek youtube channel bhi banaiye.
Usse hum jada behtar tarike se chart sikh skte hain..
Ok….i have started it….but currently It is focused on Basic Financial Education nd Money Management….
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Ok sir…
but chart ko bhi add krne k bare me sochiye.
Best of best
बहुत ही सुन्दर जानकारी है। हिन्दी में शेयर मार्केट की इन्फॉरमेशन बेहद ही हेल्पफुल है।