पैसो की बचत Paiso ki Bachat me Kanjus hona samjdhari hai www.sharemarkethindi.com

पैसो की बचत में कंजूस होना समझदारी है

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पैसो की बचत की कहानी

रवि और रमेश दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे, दोनों ने अपनी नौकरी की शुरुआत साथ साथ ही की थी,

रवि को पैसो की बचत के महत्व के बारे में पहले से पता था, और इसलिए रवि को जैसे ही अपनी सैलरी मिलती, उसका एक हिस्सा वो बचत के लिए अलग कर लेता था और बाकी बचे हुए पैसे से अपने सभी खर्च को पूरा करता था,

दूसरी तरफ रमेश पैसे की बचत के बारे में चिंता न करते हुए, अपनी पूरी कमाई के पैसे को खर्च कर देता था,

जब रवि रमेश को पैसो की बचत के बारे में समझाता था,

तो रमेश का कहना था – पैसो की बचत करके वो कंजूस नहीं बनना चाहता, जिन्दगी तो मजे करने के लिए है, इसलिए पैसे की बचत करके कंजूस बनने के बजाये, पैसे से अच्छी अच्छी चीजे खरीद कर जिंदगी के मजे उठाने चाहिए,

कुछ सालो बाद –

रवि की बचत की रकम बढ़ते बढ़ते काफी बड़ी हो गई, जिसे उसने म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कर दिया था,

जबकि रमेश का अकाउंट खाली का खाली ही था, और रमेश को अब खर्च करने की आदत लग चुकी थी, नए नए मोबाइल और अन्य सामान पैसे नहीं रहने पर वो लोन और EMI पर लेने लगा,

और फिर कुछ साल बाद –

जहा रवि अपने बचत के पैसे से अपनी सभी फाइनेंसियल नीड्स को सही तरीके से पूरा कर सकता था, जैसे – अपनी शादी, घर और गाड़ी, और अपने बच्चो के खर्च की प्लानिंग,

जबकि दूसरी तरफ,

रमेश की सैलरी का बड़ा हिस्सा, लोन की EMI भरने में निकल जाते थे, और अपने बचत नहीं करने और लगातार खर्च करने की आदत की वजह से वो कर्ज के जाल में फस चूका था,

और कहने की जरूरत नहीं की – आगे दोनों की लाइफ में क्या हुआ होगा ?

एक तरफ रवि जहा अपने परिवार के साथ ख़ुशी खुसी जीवन के मजे ले रहा था,

तो दूसरी तरफ रमेश, अपनी जिन्दगी से बहुत परेशांन था, और कर्ज भरने की वजह से उसने अपनी जिन्दगी को बर्बाद कर लिया था,

 

पैसो की बचत करने वाले हमेशा कंजूस नहीं होते

दोस्तों,

इस कहानी में ,रवि जैसे लोगो को , आज के समय कंजूस कहा जाता है,

और हम में से कोई भी कंजूस कहलाना पसंद नहीं करता है,

और अगर मैं आपको कहु कि – आप एक बहुत कंजूस आदमी है तो आपको काफी बुरा लग सकता है,

क्योंकि हम में से कोई भी कंजूस बनना ही नहीं चाहता है,

जबकि , हकीकत ये है की पैसो का सही ढंग से बचत करना कंजूसी नहीं, बल्कि समझदारी कहलाता है,

लेकिन ज्यादातर लोग पैसो की बचत को कंजूसी समझते है, और इस कारण वे पैसो की बचत की आदत ही नहीं बना पाते,

यही सबसे बड़ा कारण है, जो लोगो को कर्ज में डूबा देता है,

अब जैसा हमने इस कहानी में देखा, –

अगर कोई बचत और निवेश नहीं करता है, और लागतार खर्च करता रहता है – तो उसकी क्या हालत होने वाली है ,

और दूसरी तरफ सही तरह से पैसो की बचत और निवेश से, एक इन्सान कितनी खुशहाल जिन्दगी जी सकता है,

पैसो की बचत में कंजूस होना समझदारी है

दोस्तों,

पैसो की बचत करना और उसे सही तरह से निवेश करना, ये अपने आप में एक बहुत ही समझदारी का काम है, जिसे करके आप पैसो की चिंता से आजाद होकर, एक खुशहाल जिन्दगी जी सकते है,

और इसलिए आपको समझदारी से पैसो की बचत और निवेश के बारे में तुरन्त सोचना समझना चाहिए,

पैसो की बचत नहीं करने के कारण

ज्यादातर लोग, पैसो की बचत नहीं कर पाते है, और जम कर खर्च करते है, इसके पीछे का कारण है की वे कंजूस नहीं बनना चाहते,

क्योकि बचपन मे हम सभी ने कुछ कंजूस लोगो की कुछ ऐसी कहानियां पढ़ी है,

जो ये सिखाती है, कंजूस होना, बहुत ही गलत होता है,

और ये भी सिखाती है कि – पैसो की बचत करके क्या फायदा, जब हम जिन्दगी के मजे भी न ले पाए , और पैसो को बचा बचा कर रखते रहे,

और इसी तरह आपने उस कंजूस आदमी की कहानी भी जरूर सुनी होगी,

जो बहुत ही कंजूस होता है, जिंदगी भर पैसे बचाते बचाते एक दिन यू ही मर जाता है, लेकिन अपने बचत के पैसे किसी को नही देता है,

कुछ कंजूस की कहानियां ऐसी भी है- जिसमे कंजूस आदमी चाय में मखी गिरने पर, मखी को निकालता है, और उसे चुसता है, ताकि मखी के शरीर मे लगा हुआ चाय बर्बाद न हो,

और इसी तरह की कंजूसों की और भी बहुत सारी कहानियां सुनने के बाद,

हम कंजूस लोगो से मन ही मन नफरत करने लगते है,

और हम में से  ज्यादातर लोगों ने बचपन ये तय कर लिया होता है,

कि चाहे कुछ भी हो जाए लेकिन बड़े होकर कंजूस नही बनना है,

और इन कहानियो का ही नतीजा है कि – ज्यादातर लोग कंजूस नहीं बनना चाहते , और इसलिए बचत भी नहीं कर पाते है,

ऐसे लोग खूब खर्च करते करते, रमेश की तरह कर्ज के जाल में फस कर अपनी जिन्दगी को बर्बाद कर लेते है,

दोस्तों,  ध्यान दीजिए ,

बचपन में सुनी गई और समझी गई कंजूसो की कहनियो के कारण ही –

जब हम कमाना शुरू करते है, तो जम कर खर्च करते है,

ताकि हमें कोई कंजूस न कह सके, और इसलिए हम पैसे की बचत को , ज्यादा जरूरी नही समझते है, बल्कि पैसे को खर्च करना ही जरूरी समझते है,

और यही कारण है कि –

सालो से काम करते रहने और कमाने के बावजूद भी हमारी स्थिति में कोई खास बदलाव नही आता है, और खर्च करने के लिए हमारे पास हमेशा पैसो की कमी बनी रहती है,

और इस तरह खर्च की ऐसी आदते पड़ जाती है, कि हमारी सैलरी तो बढ़ जाती है, लेकिन फिर भी हम बचत नही कर पाते ,

और खर्च करने की ऐसी  आदत बन जाती है, हम बिना ज्यादा सोचे समझे ही ई ऍम आई  पे समान खरीदते है और खर्च करते है, और इस तरह कर्ज के जाल में फसते जाते है,

और फिर धीरे धीरे कर्ज के एक गढ़े को भरने के लिए दूसरा कर्ज लेते है,

और इस तरह हम पहले से थोड़ा बड़ा कर्ज लेकर , हम अपने कर्ज के गढ़े को बढ़ाते ही रहते है,

और कई लोग तो कर्ज के जाल में उम्र भर ही फसे रह जाते है,

और कर्ज के कारण बहुत सारी बीमारी, टेंशन में जीते रहते है, और अंत मे कर्ज में ही मर भी जाते है,

कंजूस नहीं पैसो की  बचत करके समझदार बनिए

दोस्तो,

मैं भी मानता हूं कि पूरी तरह से  कंजूस होना बिल्कुल बुरी बात है,

हमें पैसो के मामले में बहुत ज्यादा कंजूसी नहीं करने चाहिए, और इसलिए

लेकिन अपनी कमाई के एक हिस्से को बचाने को , कंजूसी नहीं कहना चाहिए,

बल्कि आप देखेंगे की ज पैसो की बचत करने , वाले बहुत कम लोग बचे है,

और यही वो लोग है, जो पैसे की रेगुलर बचत और निवेश करके, बहुत सारा धन बना लेते है,

और एक दिन अमीर बन जाते है,

और जो लोग पैसो की बचत नहीं करते, उनको बहुत आश्चर्य होता है कि – आखिर एक ही जगह , और एक जितनी ही आमदनी कमाने के बावजदू, उनका दोस्त कैसे अमीर बन गया, और वो कैसे कर्ज में डूब गए,

दोस्तो,

ध्यान दीजिए,

जमाना बदल चुका है, अब ऐसा कोई कंजूस नही बचा है, जो मखी को चाय से निकाल कर, मखी को भी चूस के पिता है,

इसलिए बदले हुए जमाने के साथ , हमे हमारी सोच को भी बदलना चाहिए,

और ये समझना चाहिए कि –

पैसो की बचत समझदार लोग ही करते है,

जबकि गरीब व्यक्ति अपनी पूरी कमाई को खर्च कर देता है,

और इसलिए ,

अपने बचपन में सुनी समझी, कंजूसो की कहानी को अपने दिमाग से डिलीट करिए,

और समझदार बनकर पैसो की बचत और निवेश करना शुरू कर दीजिए,

कही ऐसा न हो कि – आप कंजूस न कहलाने के चक्कर में खर्च करते करते , कर्ज के जाल में फस कर अपनी जिंदगी को बर्बाद कर ले,

पैसो की बचत और आज का सन्देश

दोस्तो ,

इस कोट को याद रखीए –

Money Savers were called Miser in old age,

But Money savers are called wonder today

इसका अर्थ है – पुराने ज़माने में पैसो की बचत करने वालो को कंजूस कहा जाता था,

लेकिन आज पैसो की बचत करने वाले बहुत बहुत थोड़े लोग ही है, जिन्हें देख कर बाकी लोग आश्चर्य करते है की वे कैसे पैसे बचा लेते है,

दोस्तों,

आशा है, इस विडियो से आपको ये समझने में हेल्प मिला होगा की –

पैसे की बचत में थोड़ी कंजूसी करना, मुर्खता नहीं बल्कि समझदारी है,

और इसलिए पैसे की बचत करने से अगर आपको कोई मुर्ख कहता है, तो मुर्ख आप नहीं, बल्कि वह व्यकित मुर्ख है, जो आपको मुर्ख कह रहा है,

और ऐसा समय में आने पर उस व्यक्ति को स्पस्ट हो जायगा,

साथ ही अगर, आपको कोई कंजूस कहे या नहीं, इस बात की चिंता के बिना ही आप अपनी कमाई का एक हिस्सा आप जरुर बचत करना जरुर शुरू कर देंगे,

तो दोस्तों,

उम्मीद करता हु, आप समझ पाए होंगे कि इस पोस्ट का वास्तविक सन्देश क्या है,


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