म्यूच्यूअल फण्ड में सेबी की भूमिका Mutual Fund Me SEBI ki Bhumika www.sharemarkethindi.com

म्यूच्यूअल फण्ड में सेबी की भूमिका

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म्यूच्यूअल फण्ड में सेबी की भूमिका,

म्यूच्यूअल फण्ड में सेबी की भूमिका को समझने से पहले ये समझना जरुरी है कि – आखिर म्यूच्यूअल फण्ड और SEBI क्या है?

  1. SEBI BACKGROUND

SEBI जिसका पूरा नाम है – Securities Exchange Board of India, ये एक अकेली पॉवर फुल संस्था है, जो भारत में सभी कंपनी और उनके द्वारा पूंजी प्राप्ति के लिए issue किये जाने वाले शेयर/bond/और अन्य Securites के ऊपर नियंत्रण का काम करता है,

आब सेबी के बारे में डिटेल में यहाँ पर पढ़ सकते है – SEBI क्या है ?

अब बात करते है म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में,

  1. MUTUAL FUNDS

वास्तव में म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट कंपनी है, हर म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के पास एक प्रॉपर इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट सिस्टम होता है, जिसमे कंपनी के पास फण्ड मेनेजर और उनकी टीम होती है,

म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी जो आम जनता और निवेशको से पैसे कलेक्ट करती है, और इस तरह इकठ्ठा किये गए, म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के मेनेजर और उनकी टीम द्वारा, इस पैसे को स्टॉक मार्केट, डेब्ट फण्ड और बांड में निवेश किया जाता है,

इस तरह निवेश किये गए पैसे, से जो लाभ या हानी होता है, वह लाभ या हानि, म्यूच्यूअल फण्ड कम्पनी, निवेशको के बीच उनके द्वारा निवेश किये पैसे के अनुपात में बाट देती है,

म्यूच्यूअल फंड कंपनी, इस तरह की इन्वेस्टमेंट सर्विस के लिए, अपना फीस लेती है, जो उनकी आमदनी होती है,

  1. MUTUAL FUND – हिंदी गाइड पार्ट -1 
  2. History of Mutual Fund – हिंदी गाइड पार्ट -2

SEBI Regulation on Mutual Funds

भारत में आज म्यूच्यूअल फण्ड अब काफी पोपुलर हो रहा है, और लोग लगातार इन म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के पास अपना पैसा निवेश करते जा रहे है,

और इस तरह म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के पास, बहुत भारी मात्रा में पैसे जमा हो जाते है, साल २०१५ तक भारत में 40 म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी काम कर रही थी, और इनके 300 म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में लोगो का 10 लाख करोड़ से भी ज्यादा पैसा निवेश हो चूका था,

और आज यहाँ संख्या लगभग दोगुना हो चुकी है,

अब ऐसे में इन म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के कार्य के ऊपर कण्ट्रोल की बहुत जरूरत हो जाती है,

ताकि म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी, गलत ढंग से इन पैसे का इस्तेमाल न करे, और म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी द्वारा निवेशको को सही तरह से लाभ मिले, और निवेशक इस बात को निश्चिंत रहे कि उनके पैसे का इस्तेमाल म्यूच्यूअल फण्ड द्वारा सही ढंग से किया जा रहा है,

तो इन्ही सभी जरूरतों को पूरा करता है – SEBI (Securities Exchange Board of India,)

अब आइए जानते है सेबी, इन म्यूच्यूअल फण्ड को नियंत्रित करने के लिए क्या क्या करता है ?

SEBI द्वारा बनाये जाने वाले नियमन

SEBI ने वर्ष 1996 में  SEBI(Mutual Fund) Regulations बनाया था, जिसका उद्देश्य था कि सभी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी सभी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी नियंत्रित तरीके से निवेशको के हितो को ध्यान में रखते हुए काम करे,

और फिर साल २०११ में सेबी ने अपने इस पुराने नियमो और सुधार और संसोधन करने के आबाद SEBI (Mutual fund) Regulations 2011बनाया,

और इस तरह SEBI समय समय पर अपने, निवेसको के हितो को ध्यान में रखते हुए, म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के कार्यो में पारदर्शिता लाने और उनपर नियंत्रिण के लिए, अपने नियम (रेगुलेशन) में संशोधन करती रहती है,

इन रेगुलेशन में कुछ निश्चित बातो का खास ख्याल रखा जाता है, जिसमे सेबी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी को उनकी जिम्मेदारियों के पालन लिए बाध्य करती है,

SEBI के नियमो के अनुसार सभी  म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी को कुछ बात अनिवार्य रूप से, म्यूच्यूअल फण्ड मेम्बेर्स को बतानी होती है, जैसे –

  1. म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी के गठन से सम्बंधित सभी जानकारी,
  2. म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी और निवेशको के अधिकार
  3. म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम का उद्देश्य,
  4. रिस्क का स्तर
  5. म्यूच्यूअल फण्ड में जमा कुल राशी,
  6. जमा राशी कहा कहा पर निवेश किये गए है,
  7. म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी मेनेजर की जानकारी
  8. स्कीम में होने वाले फेरबदल की सुचना

SEBI regulation का Mutual Fund Managers पर प्रभाव:

 म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट में जमा पैसे कहा निवेश किए जायेंगे, ये पूरी तरह म्यूच्यूअल फण्ड निवेश के ऑब्जेक्टिव के ऊपर निर्भर होता है,

 लेकिन, म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम के ऑब्जेक्टिव के अनुसार भी, म्यूच्यूअल फण्ड मेनेजर के पास बहुत सारे विकल्प होते है, और ऐसे में म्यूच्यूअल फण्ड मेनेजर की किसी भी गलत निर्णय का बहुत बड़ा असर होता है, और इस से लाखो निवेशको का नुकसान हो सकता है,

 इसलिए SEBI ने सभी म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी द्वारा किये जाने वाले निवेश के बारे में फण्ड मेनेजर के लिए बहुत सारे नियम बनाये हुए है, और म्यूच्यूअल फण्ड मेनेजर को कही भी निवेश करने से पहले, SEBI के बनाये नियमो को ध्यान में रखना होता है,

  1. Effect of SEBI regulations on the participant players and on controlling malpractices (Fraudulent, unscrupulous…etc) in Mutual Fund Market

SEBI अपने कड़े नियमो द्वारा, म्यूच्यूअल फण्ड से जुड़े सभी घटकों के ऊपर भी नियंत्रण का पूरा प्रयास करती है, और किसी भी गड़बड़ी की दशा में SEBI का ROLE बहुत इम्पोर्टेन्ट होता है,

और SEBI के इन कड़े नियमो के कारण ही, आज म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी लगातार आगे बढ़ते जा रहे है, और निवेशको के हितो में काम करने का प्रयास करते है,

इस तरह देखा जाये तो म्यूच्यूअल फण्ड में सेबी की भूमिका बहुत ही ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है,

  1.  म्यूच्यूअल फण्ड में सेबी की भूमिका रिएक्टिव है एक्टिव ?

भारतीय कानून व्यस्था की तरह ही, म्यूच्यूअल फण्ड में सेबी की भूमिका REACTIVE है, हालाँकि नियम बने हुए है, और म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी और निवेशक दोनों से अपेक्षा की जाती है कि वे नियमो का पालन करे,

लेकिन अगर कोई गड़बड़ी होती है, तो गड़बड़ी की सुचना और कम्पलेंन मिलने के बाद ही SEBI उस पर किसी तरह के एक्शन लेती है,

निवेशक म्यूच्यूअल फण्ड द्वारा की जाने वली किसी गड़बड़ी की शिकायत कैसे करे, इसके लिए ये पोस्ट जरुर पढ़े,

  1. SEBI Investor का Investor Awareness प्रोग्राम:

SEBI इस बात में विस्वाश करती है कि –

‘An Educated Investor is a Protected Investor.’ यानी शिक्षित निवेशक ही सुरक्षित निवेशक है,

SEBI INVESTOR AWARENESS PROGRAM LINK

और इसलिए सेबी समय समय पर निवेशको को म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश के बारे में लोगो को अलग अलग प्रोग्राम द्वारा जानकारी देती रहती है, ताकि निवेशक शिक्षित हो सके, और निवेश के फायदों, रिस्क और अन्य जरुरी बातो को समय रहते समझ सके, जैसे –

  1. म्यूच्यूअल फण्ड में सुरक्षित रूप से कैसे निवेश करे,
  2. म्यूच्यूअल फण्ड निवेश के रिस्क को समझे,
  3. निवेशक के क्या अधिकार है, और उसकी क्या जिम्मेदारी है,
  4. म्यूच्यूअल फण्ड में जमा पैसे किस तरह और कब निकाले जा सकते है,
  5. म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में निवेशक को किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए,

साथ ही आपने देखा होगा, जब भी कोई म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी अपने स्कीम के बारे में किसी तरह का विज्ञापन करती है तो विज्ञापन के अन्दर उसे इस बात को बताना अनिवार्य होता है कि –

MUTUAL FUND SCHEMES ARE SUBJECT TO MARKET RISK, PLEASE READ ALL RELATED DOCUMENTS CAREFULLY,

इस तरह, सेबी का उद्देश्य यही है कि – म्यूच्यूअल फण्ड कंपनी निवेशको के हितो को ध्यान में रखते हुए सही ढंग से काम करे,

आशा है, इस पोस्ट से आपको ये समझ आया होगा कि म्यूच्यूअल फण्ड में सेबी की कितनी इम्पोर्टेन्ट भूमिका है, आप इस पोस्ट के बारे में अपने सवाल या विचार को नीचे कमेंट करके शेयर कर सकते है,

पोस्ट पूरा पढने के लिए आपका धन्यवाद .

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