INDIAN STOCK MARKET का इतिहास – BSE AND NSE
दोस्तों, आज हम बात करेंगे INDIAN STOCK MARKET की शुरुआत कब और कैसे हुई, इसके विकास की कहानी , जिससे हम समझ सके कि INDIAN STOCK MARKET ने कितनी DEVELOPMENT की है,
हम सभी जानते हैं कि भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज है,
पहला -BOMBAY STOCK EXCHANGE – BSE और दूसरा – NATIONAL STOCK ESCHANGE- NSE
BSE की शुरुआत और विकास की कहानी
BSE यानी BOMBAY STOCK EXCHANGE एशिया का सबसे पहला STOCK EXCHANGE है जिसकी स्थापना 1875 में हुई और भारत आजाद होने के बाद यह देश का पहला स्टॉक एक्सचेंज है जिसको स्थाई रूप से SECURITIES CONTRACT AGREEMENT ACT 1956 के तहत मान्यता दी गई.
आज BSE दुनिया का FASTEST STOCK EXCHANGE है, जिसकी क्षमता से 6 MICRO SECOND है, BSE देश का सबसे पहला और विश्व का दूसरा स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें आईएसओ 9001 2000 सर्टिफिकेशन प्राप्त किया है,
इस तरह BSE समय के साथ आगे बढ़ता रहा, और आज BSE भारत का सबसे ज्यादा ट्रैक किया जाने वाला BENCHMARK INDEX है. BSE स्टॉक एक्सचेंज सर्विस के साथ-साथ अपनी सहायक कंपनी CDSL यानी CENTRAL DEPOSITORY SERVICES LTD. के द्वारा डिपाजिटरी सर्विस भी प्रोवाइड करता है, CDSL में ही ख़रीदे हुए शेयर DEMATERIALIZED FORM में रखे जाते है,
आज BSE SENSEX एक बेंच मार्क की तरह है, जिसके द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति का पता चलता है, अगर BSE SENSEX बढ़ रहा है, इसका मतलब भारतीय अर्थव्यस्था भी आगे बढ़ रही है.
1875 से लेकर अब तक पिछले 142 साल से BSE का भारतीय कार्पोरेट जगत को पूंजी से संबंधित जरूरतों को पूरा करने में बहुत ही सराहनीय योगदान रहा है
दलाल स्ट्रीट और BSE की स्थापना-
BSE की स्थापना 1875 में “THE NATIVE STOCK BROKER ASSOCIATION ” के नाम से हुई थी, जिसका नाम बाद में BOMBAY STOCK EXCHANGE कर दिया गया,
BSE का जन्म 1850 में एक बरगद के पेड़ के नीचे मुंबई में हुआ जहां आज Horniman Circle Garden है ,वही टाउन हॉल के पास, एक बरगद के वृक्ष के नीचे, कुछ लोग एकत्रित होकर SHARES का सौदा करते थे,
जैसे-जैसे सौदे करने वाले लोगो की संख्या बढ़ी तो यह लोग दलाल में रोज स्ट्रीट और महात्मा गांधी रोड के जंक्शन पर बरगद के पेड़ के नीचे जुटने लगे और फिर जैसे-जैसे और लोग बढ़ते गए तो यह नई जगह की तलाश करते-करते अंत में 1874 में एक स्थायी जगह ढूंढा जो बाद में दलाल स्ट्रीट के नाम से प्रसिद्ध हो गया,
और आज दलाल स्ट्रीट पर ही BSE TOWERS है, BSE TOWERS 129 मंजिलों की बिल्डिंग है, जिसकी ऊंचाई 118 मीटर है, इस बिल्डिंग को एल एंड टी कंपनी ने बनाया है, और इसके आर्किटेक्ट थे चंद्रकांत पटेल, इस बिल्डिंग के बनने की शुरुआत 1970 में हुई और 1980 में कंप्लीट हुआ जब यह बिल्डिंग बनी तो उस समय ये भारत की सबसे बड़ी बिल्डिंग थी,
BSE HISTORY -एक नजर में
9 जुलाई 1875 | ” THE NATIVE STOCK BROKER ASSOCIATION” की स्थापना, | |
31 अगस्त 1957 | भारतीय संविधान के SECURITIES CONTRACT AGREEMENT ACT के अंतर्गत BSE को देश के पहले STOCK EXCHANGE के रूप में मान्यता | |
2 जनवरी 1986 | S & P BSE SENSEX, देश के पहले STOCK EXCHANGE INDEX की स्थापना | |
25 जुलाई 1990 | BSE SENSEX 1000 के ऊपर पंहुचा | |
15 मई 1992 | STOCK EXCHANGE विकास और नियंत्रण के लिए SEBI की स्थापना | |
14 मार्च 1995 | BSE ONLINE TRADING ( BOLT ) की शुरुआत | |
22 मार्च 1999 | CDSL की स्थापना | |
11 अक्टूबर 1999 | BSE पहली बार 5000 के ऊपर | |
9 जुलाई 2000 | EQUITY DERIVATIVE में OPTION और FUTURE TRADING की शुरुआत | |
1 अप्रैल 2003 | T+2 SETTLEMENT की शुरुआत | |
19 मई 2005 | पहली बार SENSEX 10,000 के ऊपर पंहुचा | |
3 फरवरी 2017 | BSE, भारत का पहला LISTED STOCK EXCHANGE बना |
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