Budget कैसे बनाये,
Budget एक फाइनेंसियल प्लान है,
बजट एक ऐसा फाइनेंसियल प्लान है, जो आपको पैसे मैनेज करने में हेल्प करता है, और इसलिए अगर बजट का फायदा उठाना चाहते है, और अपने पैसे को अच्छे, बेहतर तरीके से मैनेज करना चाहते है, तो आपको बजट की प्लानिंग करनी ही होगी,
बजट बनाने या इसकी प्लानिंग करने में फ़ैल होने का मतलब है – आप अपने कमाए गए पैसे को सही तरह से मैनेज करने में फ़ैल हो सकते है,
इसे भी पढ़े – बजट क्या होता है, और इसके क्या क्या फायदे है,
Budget (बजट) किसको बनाना चाहिए ?
अगर आपको कभी ऐसा लगता है कि- आपकी कमाई, से आपके घर और परिवार की सभी जरूरते पूरी नहीं हो पा रही है,
और आपकी आमदनी सिमित है, लेकिन आपके खर्चे ज्यादा है, और ऐसे में आपको अपने खर्चो को पूरा करना बहुत मुस्किल है, और आपके उपर कर्ज भी बढ़ रहे है,
तो आपको बजट जरुर बनाना चाहिए,
जैसे – अगर आप एक स्टूडेंट है, और आपको, अपने माता पिता से हर महीने कुछ पैसे मिलते है, तो आप अपना खुद का एक बजट बना सकते है,
ताकि आप अपने सभी खर्चो को पूरा कर सके, आपको पैसे की समस्या न हो और आपके माता पिता से आपको बार बार अधिक पैसे न मांगना पड़े,
किसी स्टूडेंट द्वारा बनाये जाने वाले बजट को पर्सनल बजट या स्टूडेंट बजट भी कहा जा सकता है,
इसके आलावा,
अगर आप सिंगल है, आपकी शादी नहीं हुई है तो भी आप अपना बजट बना कर अपने कमाए गए पैसे के ऊपर पूरा कण्ट्रोल कर सकते है,
और किसी तरह की पैसे की कमी की परेशानी या उधार लेने से बच सकते है, और इस तरह के बजट को आपका पर्सनल बजट कहा जा सकता है,
इसके आलावा,
किसी परिवार का एक सदस्य, अपने पुरे परिवार के हेल्प से अपने पुरे परिवार के लिए एक बजट बना सकता है, जिसे फॅमिली बजट कहा जायेगा,
और इस फॅमिली बजट में उस परिवार का पूरा इनकम, और उस परिवार के पुरे जरुरी खर्चो को शामिल कर लिया जाता है,
और इस तरह, फैमिली बजट बनाकर, वह परिवार, अपने ऊपर किसी तरह की अचानक आने वाली पैसे की कमी की परेशानी से बच सकता है, और ज्यादा संतुस्ट लाइफ जी सकता है,
तो ये तो गई, बात, कि बजट किसको बनाना चाहिए, आइये अब जानते है ,
Budget (बजट) कब बनाया जाना चाहिए ?
बजट बनाने के लिए आपको, सबसे एक टाइम पीरियड सेलेक्ट करना होता है, जैसे –
DAILY BUDGET, यानी रोज का बजट ,
WEEKLY , यानी हर सप्ताह का बजट ,
MONTHLY, यानी हर महीने का बजट ,
QUARTERLY, यानी त्रैमासिक बजट
HALF YEARLY, यानी आधे साल का बजट ,
और YEARLY, यानी हर साल का बजट ,
आप इसमें से कोई भी एक टाइम पीरियड सेलेक्ट कर सकते है,
ध्यान रखीए कि, आप अपना बजट बनाने का जो टाइम पीरियड सेलेक्ट करे,
उसके लिए आप चालू पीरियड के अंत तक एडवांस में ही बजट बनाना होगा,
जैसे – अगर आपने मंथली बजट बनाने का प्लान किया है तो आने वाले मंथ का बजट, चालु मंथ के अंत तक बनाना होगा, जैसे जुलाई का बजट, आपको जून 30 तक बना लेना चाहिए,
घरेलु बजट बनाने का जो सबसे पोपुलर टाइम पीरियड है – वो है मंथली बजट,
मंथली बजट का मतलब है, हर महीने का बजट,
हम में से ज्यादातर लोग, जॉब से ही पैसे कमाते है, और जॉब से मंथली सैलरी मिलती है, और इसलिए हमें मंथली इनकम ही होती है,
इसलिए हम में से ज्यादातर लोगो के लिए मंथली बजट बनाना ज्यादा लाभकारी हो जाता है,
जैसे – अगर जून का महिना चल रहा है, तो आपको जुलाई महीने का बजट ,जून के अंत तक तैयार कर लेना चाहिए,
यहाँ तक आप समझ गए कि – बजट किसे बनाना चाहिए, और बजट कब बनाना चाहिए, अब आते है, अपने मुख्य टॉपिक के ऊपर –
Family Budget (घरेलु बजट) कैसे बनाया जाये?
बजट बनाना बहुत आसान है, अगर आप खुद इसे मुस्किल न बनाये,
एक बेहतर और इफेक्टिव बजट बनाना शुरू करने से पहले आपको इन तीन बातो का जरुर ख्याल रखना चाहिए –
पहला – आपका Budget बजट बहुत सिंपल होना चाहिए,
आप अपने क्रिएटिव दिमाग के इस्तेमाल से, बहुत अच्छे ढंग से बजट बना सकते है,
लेकिन एक्सपर्ट की सलाह माने तो आपको अपना बजट बिलकुल सिम्पल रखना चाहिए,
आपको अपना बजट बिलकुल सिंपल, इसलिए रखना चाहिए ताकि ये आपको आसानी से समझ में आये और आप इसका प्रैक्टिकल इस्तेमाल कर पाए,
वर्ना, एक बहुत शानदार और अच्छे कागजी बजट बनाने का कोई फायदा नहीं, जिसका प्रैक्टिकल इस्तेमाल ही न किया जा सके,
और इसीलिए आपका बजट सिम्पल और लिखित रूप में होना चाहिए,
चाहे आप बजट एक सादे पेपर पर बनाओ, अपनी डायरी में बनाओ, मोबाइल में बनाओ, या फिर कंप्यूटर के एक्सेल शीट पर बनाओ,
दूसरी बात –Budget (बजट) बनाते समय, उन लोगो का ध्यान रखे, जो इस बजट से प्रभावित होने वाले है,
जैसे – अगर आप फैमिली बजट बना रहे है तो आप फॅमिली मेम्बर, पति या पत्नी और बच्चो से उनकी मंथली जरुरतो के बारे में जरुर चर्चा करे,
उनके साथ बैठ कर उनसे हर महीने पुरे परिवार की सभी जरुरतो को समझे, और फिर उसके अनुसार ही बजट बनाना शुरू करे,
ताकि आपके बजट बनाने से पूरा परिवार अधिक से अधिक संतुस्ट हो सके,
तीसरी बात – Budget (बजट) बजट नियमित रूप से बनाने के साथ साथ उसको अमल में भी लाये,
इस बात का ध्यान रखे कि –आप जो बजट बनाये, उसको अमल में जरुर लाये, बजट का प्रक्टिकल इस्तेमाल करे, और धीरे धीरे बजट को अपनी आदत बनाये,
आप जो बजट बनाते है, उसमें अगर किसी सुधार की जरूरत हो तो, उसमे सुधार करते रहिए, लगातार कोशिस करने से आप जल्द ही बजट को बनाना और उसका पालन करना सिख जायेंगे,
शुरुआत में हो सकता है, आप बनाये गए बजट का आप पूरी तरह से ना निभा पाए, लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं,
क्योकि एक अच्छी आदत धीरे धीरे ही पड़ती है,
Budget बनाने के स्टेप
बजट बनाने के तीन स्टेप है –
पहला – बजट की तैयारी (GET READY FOR BUDGETING)
दूसरा – बजट बनाना (Do Budgeting)
और तीसरा – बजट रिव्यु (Review of Budgeting)
1. बजट की तैयारी (GET READY FOR BUDGETING)
इस स्टेप में हमें एक अच्छे बजट बनाने की मानसिक तयारी यानी mindset करनी होती है, mindset आपको बताता है कि – किसी काम को करने के क्या क्या फायदे है और कोई काम आपको क्यों करना चाहिए ? और आप उस काम को बेस्ट तरीके से कैसे कर सकते है,
अंग्रेजी में एक कहावत है – “To be prepared is half the victory”
इसका मतलब है –अगर तयारी अच्छी हो तो, आधा काम पहले ही हो जाता है,
इसलिए बजट बनाने की तयारी वाले इस पहले पार्ट पर आपको थोडा अधिक ध्यान देने की जरुरत है –
ये स्टेप बहुत सिम्पल और आसांन है, लेकिन साथ ही ये सभी स्टेप, एक अच्छे बजट का आधार है – इसलिए बजट बनाते समय इन स्टेप्स का जरुर ध्यान रखिए –
Budget बनाने की तैयारी का पहला स्टेप है – बजट को एक नाम देना,
आप अपने बजट को एक नाम जरुर दीजिए,
जैसे अगर आप अपने घर का मंथली बजट बना रहे है तो – आप लिख सकते है – MY MONTHLY FAMILY BUDGET
Budget बनाने की तैयारी का दूसरा स्टेप है – अपने बजट का उद्देश्य स्पस्ट लिखिए,
इस बात को CLEAR करिए कि आपके बजट बनाने का क्या उद्देश्य है ?
जैसे – बजट का एक उद्देश्य हो सकता है – अपने खर्चो पर कण्ट्रोल करना और बजट बना कर अपने घर के सभी जरुरी खर्चो को पूरा करना,
और दूसरा उद्देश्य ये हो सकता है कि – आप अपने इनकम से पैसे की बचत करके, अपने फाइनेंसियल गोल्स के लिए निवेश करने के लिए रकम जुटाना,
और तीसरा उद्देश्य ये भी हो सकता है कि – आप अपने इनकम से, अपने परिवार के एक एमरजेंसी फण्ड की व्यस्था करना, और साथ ही समय पर सभी INSURANCE के प्रीमियम या रिन्यूअल को भरकर , किसी तरह की असुविधा से बचना,
बजट के उद्देश्य को स्पस्ट करने के बाद बजट बनाने के फर्स्ट पार्ट का तीसरा और अंतिम स्टेप है –
Budget बनाने की तैयारी का तीसरा स्टेप – अपनी जरुरत, इक्षा, और फिजूलखर्ची को परिभाषित करना,
ये फर्स्ट पार्ट का अंतिम, और इस विडियो का सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट स्टेप है, आप इसे ध्यान से समझीए-
इस स्टेप में आपको इन तीन शब्दों का आपके लिए सही अर्थ समझना बहुत जरुरी है- ये तीन शब्द है –
जरुरत (NEEDS)
इक्क्षा (WISHES)
और फिजूलखर्ची (OVERSPENDING)
दोस्तों, इन तीनो शब्दों को समझना इतना जरुरी है कि –
बजट नहीं बनाने के बावजूद अगर आप अपनी जरुरत, अपनी इक्क्षा और फिजूलखर्ची को अच्छे से समझ रहे है ,
तो सच कहता हु तो ये संभव है कि आपको पैसे की कमी की प्रॉब्लम और कर्ज के जाल में फसने से बच सकते है,
इसलिए इन तीनो शब्दों के बारे में बजट बनाने की शुरुआत में ही आपको समझना बहुत जरुरी हो जाता है,
तो आइये, सबसे पहले इन तीन शब्दों, जरुरत, इक्क्षा, और फिजूलखर्ची को समझ लेते है,
जरुरत (NEEDS)
जरुरत वो चीजे है जो आपको अपनी सामान्य जीवन जीने के लिए अति आवश्यक है, और इन चीजो के बगैर आपको जीवन जीवन जीना मुस्किल हो सकता है,
जैसे – घर का राशन , लाइट बिल, पानी, आपके घर का किराया या घर के लोन की EMI, बच्चो की फ़ीस, उनके ड्रेस, और स्कुल कितबे या नोट बुक, कुछ मेडिकल खर्चे, और अन्य चीजे,
जरुरत के बारे में आपको एक बात को ध्यान रखना होगा कि-
कही आप जरूरत के ऊपर फिजूलखर्ची तो नहीं कर रहे है?
जैसे – कपड़ा आपकी एक बेसिक जरूरत है, लेकिन क्या आप अपने दोस्तों, अपने रिश्तेदारों को दिखाने के लिए कही बहुत अधिक महंगे कपड़े तो नहीं ले रहे है,
इसके आलावा एक और बात जो आपको ध्यान में रखनी है वो ये कि-
जैसे जैसे आपकी इनकम बढती है , आपकी जरूरते भी उसी अनुपात में बढ़ जाती है,
और इसलिए अगर आप अपनी बढती जरुरतो को कण्ट्रोल नहीं करते है,तो आपको अपने बढे हुए इनकम का कोई फायदा नहीं होगा,
जैसे – मेरे दोस्त किशोर की इनकम ५ साल पहले 15 हजार थी, लेकिन तब भी वो बड़ी मुस्किल से घर चला पाता था,
और आज उसकी इनकम 30 हजार है, उसकी इनकम पहले से दोगुना हो चुकी है, लेकिन इनकम दो गुना होने के बावजूद वो अभी भी मुस्किल से ही घर चला रहा है,
और ऐसा बहुत सारे लोगो के साथ होता है,
समय के साथ इनकम तो बढ़ जाती है, लेकिन उनके खर्चे भी उसी अनुपात में बढ़ जाते है,
अगर ऐसे लगो अपने खर्चे पर थोड़ा सा कण्ट्रोल कर ले, तो उनकी पैसे की दिक्कते काफी हद तक सोल्व हो जाएँगी,
और इसलिए तरह इनकम बढ़ने के साथ बढ़ने वाले , जरुरत के खर्चो को रोकना बहुत जरुरी हो जाता है,
आपको हमेशा अपने वास्तविक जरूरत के ऊपर नजर रखनी चाहिए, और जरूरत के ऊपर फिजूलखर्ची से बचना चाहिए,
इक्क्षा (WISHES)
इक्क्षा अपने आप में एक पूरा सब्जेक्ट है, इसके बारे में पूरी किताब भी लिखी जा सकती है, लेकिन आपको इक्क्षा के बारे में थोड़े शोर्ट में कुछ जरुरी बात बताना चाहता हु,
इक्क्षा वे चीजे होती है, जो हम चाहते तो है, कुछ चीजे हमें अच्छी लगती है, उन्हें हम पाना चाहते है, लेकिन अगर ये चीजे नहीं मिलने से हमारी सामान्य जिन्दगी में कोई खास फर्क नहीं पड़ता,
जैसे – बहुत बड़ा और नया TV, सबसे लेटेस्ट IPHONE, बहुत शानदार BIKE, या एक शानदार CAR,
ध्यान देने वाली बात है कि – इन्सान की जरूरते बहुत ज्यादा नहीं होती है, इन्सान अपनी जरूरतो को आसानी से पूरा कर सकता है,
सारा गड़बड़, इन्सान की इक्क्षाए करती है, क्योकि इन्सान की इक्क्षाओ की कोई सीमा नहीं होती,
और सबसे बड़ी बात अगर इन्सान की कोई इक्क्षा पूरी हो जाती है, तो तुरंत उसकी दूसरी इक्क्षा पैदा हो जाती है, आप चाह कर भी अपनी हर इक्क्षा को नहीं पूरा कर सकते है,
जैसे – आपने अपने बजट को गड़बड़ करके अपनी एक इक्क्षा पूरी कर ली और लेटेस्ट IPHONE ले लिया,
लेकिन 6 से 12 महीने के अन्दर ही IPHONE का नया मॉडल आ जायेगा,
और आपको अपना मॉडल पुराना लगेगा, और आपकी फिर एक इक्क्षा होगी कि आपको लेटेस्ट IPHONE लेना चाहिए,
इस तरह की गलतियों से आपको हमेशा बचना है, इस तरह की इक्क्षा बड़ी बड़ी कंपनी की मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज होती है,
सभी बड़ी से बड़ी कंपनी यही कोशिस करती है कि किस तरह से आपके जेब से पैसा उनके जेब में पहुच जाये,
और अगर आप अपनी जरुरत, इक्क्षा और कंपनियों की मार्केटिंग स्ट्रेटेजीज को समझ लेंगे तो शायद आप अपनी रोज पैदा होने वाली इक्क्षाओ के ऊपर कण्ट्रोल करके काफी सारा पैसा बर्बाद होने से बचा सकते है,
इक्क्षाओ के बारे में आपको समझने की जरुरत है कि –
आपकी हर इक्क्षाओ के साथ ऐसा ही होता है, समय और उम्र के साथ आपकी इक्क्षाये बदलती जाती है,
जैसे – बचपन में हर बच्चे को खिलौने और कॉमिक्स पसंद होते है, और जैसे जैसे उनकी उम्र बढती है, उनकी पसंद और इक्क्षा बदलती रहती है,
और कोई भी इन लगातार बदलती सभी इक्क्षाओ को हम पूरा नहीं कर सकता,
हां, कुछ इक्क्षाओ को जरुर पूरा किया जा सकता है, और कुछ इक्क्षाओ को जरुर पूरा किया जाना चाहिए, ताकि आप अच्छा फील कर सके,
लेकिन ध्यान रखे, सिर्फ उन इक्क्षाओ को पूरा करना ही ठीक रहेगा जो एक लम्बे समय से आपके मन में बना हुआ है, और आप उस इक्क्षा को हर हाल में पूरा करना चाहते है,
जैसे – एक शानदार घर लेना, जिसमे आपका परिवार बहुत अच्छा फील कर सके,
आप इस तरह की अच्छी इक्क्षा के लिए प्लानिंग कर सकते है, और अपने बजट में इन अच्छी इक्क्षा के लिए पैसे की बचत करने की प्लानिंग कर सकते है,
ध्यान दीजिए –
इन्सान की इक्क्षाये असीमित होती है, कोई भी इन्सान अपनी सारी इक्क्षाओ की पूर्ति नहीं कर सकता,
और एक फिक्स इनकम में इन्सान अपनी कमाई से सिर्फ कुछ इक्क्षाओ को ही पूरा कर सकता है,
इतना सुनने के बाद अब हो सकता है कि – आप खुद अपनी जरुरत और अपनी इक्क्षाओ के अंतर को समझ जायेंगे और बजट बनाते समय इन बातो को ध्यान रखेंगे,
फिजूलखर्ची (OVERSPENDING)
तो फिजूलखर्ची का मतलब है – किसी चीज पर जरुरत से ज्यादा खर्च करना,
फिजूलखर्ची हम इसलिए करते है, क्योकि अक्सर हम में से ज्यादातर अपने आस पड़ोस वालो की नक़ल करने की कोशिस करते है,
और दिखावे के चक्कर में हमारी आमदनी कम होने के बावजूद हम ज्यादा महंगे समान खरीदते है, या ज्यादा महंगे खर्च करते है,
जैसे – मान लीजिए कि घर का किराया मेरी जरूरत है, लेकिन अगर किसी 5000 रूपये के किराये में मेरी जरूरत पूरी हो जा रही है, तो सिर्फ दुनिया को दिखाने के लिए हम एक शानदार 10 हजार के किराये वाले घर में रहते है तो यहाँ ५ हजार फिजूलखर्ची ही कही जाएगी,
इसलिए, बजट बनाते समय आप अपनी जरुरतो पर आवश्यक खर्च करने का ही प्लान करीए, और किसी तरह की फिजूलखर्ची से बचीए,
ज्यादातर लोगो की फाइनेंसियल प्रॉब्लम और उनके ऊपर बड़े बड़े कर्ज की मुख्य वजह, दिखावा ही है, इसलिए समाज में दिखावे के जाल से बचिए,
यकीन मानिए, सिर्फ, फिजूलखर्ची को रोक कर, आप पैसे की अच्छी खासी SAVING कर सकते है, जो आपके परिवार के लोगो के लिए बहुत काम में आ सकता है,
2. बजट बनाने का पार्ट 2 – बजट बनाना
इस पार्ट में आपको 5 सिंपल से स्टेप फॉलो करने है,
पहला स्टेप – खर्चो की पूरी लिस्ट बनाना,
हर महीने होने वाले सभी खर्चो की पूरी लिस्ट बनाना, जैसे – घर का राशन, सब्जी, फल, दूध, गैस, लाइट बिल, पानी बिल, घर का किराया या EMI, बच्चो का फीस, टी वी और इन्टरनेट बिल यार रिचार्ज, मोबाइल बिल या रिचार्ज, और इसी तरह से आपको हर महीने जितने भी खर्च करने होते है, उस सबको एक कागज पर लिख कर, खर्चो की पूरी लिस्ट बनानी होगी,
दूसरा स्टेप – खर्चो की कैटेगिरी बनाना
अगले स्टेप में खर्चो को अलग अलग केटेगरी में लिखना होगा, MAIN केटेगरी और उसके अन्दर सब केटेगरी लिख सकते है,
जैसे – बेसिक नीड केटेगरी के अन्दर, सब केटेगरी भी बना सकते है –
HOUSING या HOUSEHOLD EXPENSES – इसके केटेगरी में आपके घर से जुड़े सभी आवश्यक खर्च को शामिल कर लिया जायेगा
जैसे – घर का किराया या EMI, घर का राशन, गैस, दूध, LIGHT बिल और पानी बिल, सोसाइटी बिल, आपके घर चलाने से सम्बंधित सभी खर्च,
ध्यान दीजिए कि- सभी अलग अलग खर्चे AMOUNT के साथ लिखने होंगे, और आप सभी खर्चो की अलग अलग केटेगरी बना सकते है –
जैसे – HOUSING या HOUSEHOLD EXPENSES
मंथली स्कूल या TUITION फीस,
TAX,
TRAVELLING या पेट्रोल खर्च,
मेडिकल खर्च,
PERSONAL CARE,
SAVING AND INVESTMENT
INSURANCE PREMIUM equal
EMERGENCY FUND
इस तरह आप अपने सभी खर्चो को एक केटेगरी में लिख सकते है,केटेगरी बनाना इसलिए जरुरी होता है कि – आपको पता चल सके कि आपके कितने पैसे किस तरह के चीजो पे ज्यादा खर्च हो रहे है, और आपको अपने बजट में कहा पर और किस केटेगरी में कण्ट्रोल करने की जरूरत है
Download Family Budget
Download फॅमिली बजट Excel Sheet – Click Here
तीसरा स्टेप – इनकम और खर्च एक साथ लिखना,
आपको अपने इनकम और खर्च दोनों को एक साथ एक पेपर पर लिख लेना है –
पेपर के एक तरफ आपको अपना कुल इनकम लिखना है, जिसमे आपको लिखना है कि – आपको इनकम कहा कहा से हो रहा है ?
जैसे – सैलरी , बैंक से मिलने वाला व्याज, निवेश से लाभ, किराये से मिलने वाला इनकम या दुसरे इनकम की पूरी लिस्ट,
और पेपर के दूसरी तरफ आपको अपने कुल खर्चो को लिखना है, जो हमने दुसरे स्टेप में बनाया था,
चौथा स्टेप – इनकम और खर्च का टोटल
अब आपको इनकम और खर्च का कुल टोटल निकालना है, और इस तरह इनकम और खर्च का टोटल निकालने के बाद आपको ये देखना है कि –
क्या आपके खर्च का टोटल , आपके इनकम से जायदा है ?
यानी आपके खर्च ज्यादा है और इनकम कम है, अगर ऐसा है तो आपको अपने बजट के ऊपर काम करने की जरुरत है, और आपको अपने खर्चो को कंट्रोल करना होगा,
ताकि आपके पास, खर्चो को पूरा करने के लिए पैसे की कमी न पड़े,
ये भी हो सकता है कि- आपका इनकम और खर्च दोनों भी बराबर है –
इसका मतलब ये हुआ कि –आपका बजट काफी अच्छा है, और आमदनी और खर्च के बीच बैलेंस है, और ये आपकी फाइनेंसियल सेहत के लिए काफी अच्छी बात है, अगर आपने बजट में अपने बचत और निवेश के लिए पैसे का ARANGE कर दिया है तो,
इसके आलावा-
ये भी हो सकता है कि- आपके इनकम का टोटल ज्यादा है और खर्च का टोटल कम,
अगर ऐसा है, तो आपका बजट बहुत शानदार है, क्योकि आप सभी खर्चो करने के बाद भी कुछ पैसे की बचत कर सकते है,
पांचवा स्टेप -बजट में किये जाने वाले एडजस्टमेंट,
इस आखिरी स्टेप में आपको अपने बजट के अन्दर जरुरी एडजस्टमेंट करने होंगे, अगर आपके खर्चे ज्यादा है तो आप को देखना है कि आप कौन कौन से खर्च कम करने होंगे, और उन खर्चो को आपको बजट से बाहर निकालना होगा,
एडजस्टमेंट करते वक्त आपको इस बात का ध्यान रखना है कि- आपके बजट का जो आपने उद्देश्य पाहे स्टेप में लिखा है – वो पूरा हो रहा है या नहीं –
क्या आपने जो बजट बनाया है – उसमे आपके सभी जरुरी खर्चे पुरे हो जा रहे है, क्या आप जितनी बचत करना चाहते है , उसे आप पूरा कर पा रहे है, क्या आप अपने फ्यूचर और फाइनेंसियल गोल्स के लिए इन्वेस्टमेंट कर पा रहे है, साथ ही क्या आप एमरजेंसी फण्ड की व्यस्था कर पा रहे है,
अगर आपके ऊपर कोई कर्ज है, तो क्या आपने उस कर्ज को चुकाने का प्लान आपने इस बजट में बनाया है,
कुछ इस तरह की आपको एडजस्टमेंट करने होंगे, हो सकता है, आपको कुछ खर्च को बिलकुल हटाना पड़े और ये भी हो सकता है की आपको कुछ और खर्चो में कमी करने पड़े, और फिर इस तरह से आपको एडजस्टमेंट करके अपने बजट को फाइनल करना होगा,
3. Budget (बजट) बनाने का पार्ट 3 – बजट रिव्यु (Review of Budgeting)
इस पार्ट में आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है,सबसे पहले – आपने अपना जो भी बजट बनाया है, उसको सही तरह से implement करना है, और आपको अपने बजट में किसी तरह होने वाले गड़बड़ी को समय रहते पकड़ना है, और बजट में होने वाली किसी तरह की गड़बड़ी को ठीक करते रहना है,
यानि आपको अपने बजट का रिव्यु करना है, गलतियों को पकड़ना है, फिजूलखर्ची को रोकना है, अपनी जरुरतो को पूरा करने पर ध्यान देना है,
इसके आलावा आपको अपने बजट को समय समय पर तुलनात्मक स्टडी करनी है, आपको पिछले टाइम पीरियड से इस टाइम पीरियड के बीच आने वाले किसी फर्क के बारे में समझना है,
और इस तरह अपने बनाये गए बजट को आपको समय समय पर चेक करते रहना है, कि आप कमाई में आपके सभी खर्च पुरे हो रहे है या नहीं ,
आप अपनी कमाई से आने वाले एक एक पैसा का सही तरह से इस्तेमाल करके लाइफ को बेहतर तरीके से, बिना किसी कर्ज के जाल और मोह माया और इक्क्षा के जाल में फसे सही तरह से जी रहे है या नहीं,
आज का ये पोस्ट थोडा लम्बा जरुर है, लेकिन मै आशा करता हु कि आप बजट क्यों और कैसे बनाये ये सब कुछ आप सही तरह से समझ पायें होंगे,
और साथ ही अपने सवाल या कमेंट को जरुर लिखिए, मै आपके सवाल का जवाब देने की कोशिस जरुर करूँगा,
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- हमें कम से कम कितने पैसे कमाने की जरुरत है?
very powerful idea
बहुत ही अच्छा लिखा है और सटीक विश्लेषण किया है ।
आर्थिक प्रबंधन बारे में आप ने बहुत ही अच्छी और महत्वपूर्ण जानकारी लिखी है। दिल से धन्यवाद् !
मध्यम वर्गीय परिवार का आर्थिक प्रबंधन इस पर भी आर्टिकल पढ़े