EMERGENCY FUND और इसकी जरुरत
EMERGENCY FUND का हिंदी अर्थ होता है – आपातकालीन निधि,
आज के इस पोस्ट में, मै आपसे फाइनेंसियल प्लानिंग के सबसे पहले स्टेप, “इमरजेंसी फण्ड और इसकी जरुरत” के बारे में बात करूँगा, और साथ ही ये भी समझेंगे कि – पैसे की चिंता से आजादी के लिए इमरजेंसी फण्ड की वयस्था करना कितना ज्यादा जरुरी होता है , और इमरजेंसी फण्ड की व्यस्था नहीं करने से आप कितने बड़े आर्थिक संकट और कर्ज के जाल में फस सकते है,
तो इसिलए –
इमरजेंसी फण्ड के बारे में अच्छे से समझने के लिए, आप इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़िए,
तो चलिए सबसे पहले जानते है कि –
EMERGENCY FUND क्या होता है ?
आपने इस कोट के बारे में जरुर सुना होगा –
“समय हमेशा एक जैसा नहीं रहता,
दिन और रात की तरह से जिदंगी में सुख और दुःख आते रहते है”
“इसलिए अच्छे समय में इन्सान को अपने बुरे समय के बारे अच्छी योजना जरुर बनानी चाहिए”
ताकि वह बुरे समय को अच्छे समय में बदल सके, और बुरे समय का असर हमारे ऊपर ज्यादा देर न रह पाए,
और आपने ये भी देखा होगा – कई बार जब सब कुछ अच्छा चल रहा होता है, तब जिदंगी बहुत खुबसूरत लग रही होती है, तभी पैसे की कोई ऐसी प्रॉब्लम आती है,
कि सब कुछ बदल जाता है,
कभी कभी कुछ समय के लिए,या तो हमारी आदमनी बंद हो जाया करती है,
या फिर हमारे ऊपर कोई बहुत बड़ा, अचानक से आने वाला खर्च का बोझ आ जाता है,
जैसे – नौकरी छुट जाने पर, या फिर किसी दुर्घटना की वजह से मेडिकल छुटी पर जाने से, कुछ समय के लिए हमारी आमदनी बंद हो जाती है,
इसके आलावा किसी मेडिकल इमरजेंसी, या अपने किसी परिवार के सदस्य के साथ होने वाली किसी दुर्घटना की वजह से भी हमारे ऊपर एक बड़े खर्च का बोझ आ जाता है,
और कभी कभी – इमरजेंसी टाइप के कुछ ऐसे अचानक आने वाले बड़े खर्च भी हमें करने पड़ते है,जिस से हमारी आर्थिक स्थति पर बहुत गहरा असर पड़ता है, जैसे – घर या किसी पुराने कर्ज से सम्बंधित कुछ बड़े खर्च, अचानक कही जाने की स्थिति में यात्रा यानि travelling का खर्च,
इस तरह के सिचुएशन हमारी जिदंगी में कभी भी अचानक से आ सकते है, और इसलिए इस सिचुएशन को EMERGENCY SITUATION (इमरजेंसी सिचुएशन) और हिंदी में आपातकालीन स्थिति कहा जाता है,
और इस तरह की सिचुएशन से निपटने के लिए, जब हम पहले से किसी फण्ड की प्लानिंग करते है, तो फाइनेंसियल लैंग्वेज में इसे EMERGENCY FUND (एमरजेंसी फण्ड) और हिंदी में “आपातकालीन धन” कहा जाता है,
इस तरह EMERGENCY FUND से हमारा मतलब, एक ऐसे फण्ड से होता है – जो किसी तरह की इमरजेंसी सिचुएशन, जैसे – जॉब लोस, अप्रत्याशित खर्च (Unexpected Expenses) , और मेडिकल एमरजेंसी, या आमदनी बंद हो जाने से होने वाली समस्या से निपटने के लिए, इनकम से बचत करके अलग रखना होता है, ताकि किसी तरह की इमरजेंसी आने पर हम उस इमरजेंसी से अच्छी तरह से निपट सके,
और इसलिए – EMERGENCY FUND को अचानक आने वाले किसी भी दुःख की घडी का सच्चा साथी भी कहा जाता है,
EMERGENCY FUND की जरुरत
इमरजेंसी फण्ड का होना हमारी आर्थिक स्थिति के लिए होना कितना जरुरी होता है,और इमरजेंसी फण्ड की व्यस्था नहीं करने से आप कितने बड़े आर्थिक संकट और कर्ज के जाल में फस सकते है,
कोई भी इमरजेंसी कभी बता कर नहीं आती, इसका नाम ही है इमरजेंसी, और इसलिए ये कभी भी, किसी के ऊपर भी आ सकती है,
हालाँकि जरुरी नहीं कि – हर एक के ऊपर इमरजेंसी आएगी ही आएगी, और ये भी हो सकता है कि आपके ऊपर कभी एमरजेंसी समय ना आंये,
लेकिन जिस किसी के ऊपर कभी कोई इमरजेंसी आती है, तो इस एमरजेंसी का असर उस व्यक्ति के आर्थिक स्थिति पर बहुत गहरा असर पड़ता है,
और खास तौर से तब जब वह, इस तरह की इमरजेंसी समय के लिए तैयार ना हो,
और ऐसे में बड़े दुःख की बात है कि –आज भारत में ज्यादातर लोग किसी तरह के इमरजेंसी फण्ड के लिए बिलकुल भी तैयार नहीं है,
एक सर्वे के मुताबिक भारत में 60% लोगो के बैंक अकाउंट में बचत के नाम पर सिर्फ 5 हजार रूपये ही जमा है,
यानि भारत की 60 % आबादी के पास इमरजेंसी फण्ड के नाम पर सिर्फ 5 हजार रूपये ही cash के रूप में होता है,
अब आपको क्या लगता है – क्या 5 हजार रुपया, किसी परिवार के लोगो के लिए किसी भी तरह के एमरजेंसी घटना के लिए पर्याप्त होगा?
बिलकुल नहीं ,
अब ऐसे में कोई न कोई इमरजेंसी कभी न कभी तो आ ही जाती है, यही कारण है कि – आम आदमी जो अपने इमरजेंसी का समय रहते प्लान नहीं कर पाता, उसे अक्सर इमरजेंसी से निपटने के लिए कर्ज लेना पड़ता है, जिसके कारण वो अक्सर कर्ज में डूबा रहता है,
क्योकि –आम तौर पास ऐसा देखा जाता है , जिनके पास पर्याप्त बचत के पैसे इमरजेंसी फण्ड के लिए नहीं है,
उन लोग पर जैसे ही कोई एमरजेंसी आती है, तो उसमे से ज्यादातर लोग, जिनके पास इमरजेंसी फण्ड नहीं होता, वे सभी लोग पहले तो अपने दोस्तों या रिश्तेदारों से उधार मांगते है,
और कई बार अक्सर महंगे व्याज दर पर कर्ज ले लेते है, और धीरे धीरे उनके ऊपर कर्ज का एक जाल ऐसा बन जाता है,
कि वे लोग एक कर्ज को चुकाने के लिए दूसरा कर्ज, और दुसरे को चुकाने के लिए तीसरा कर्ज लेते रहने से, ज्यादातर लोगो की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब ही रहती है,
और वे अपनी लाइफ को बहुत मुस्किल से जी पाते है, और अपनी फाइनेंसियल हालत को लेकर अक्सर बहुत परेशान रहते है, उनके लिए जिदंगी बहुत मुस्किल हो जाती है
और अगर आप भी अपने आस पड़ोस देखेंगे, तो ऐसा कई बार हुआ होगा कि – खुद के पास इमरजेंसी फण्ड नहीं होने से लोगो ने उधार लिया हो, और फिर वे कर्ज के जाल में फस गए हो,
भारत में EMERGENCY FUND की प्लानिंग लोग क्यों नहीं करते
आखिर ऐसा क्या कारण है – जो भारत में बहुत कम लोग इमरजेंसी फण्ड की प्लानिंग करते है ?
तो वैसे तो इमरजेंसी फण्ड की प्लानिंग नहीं करने पीछे बहुत सारे कारण हो सकते है –
जैसे – फाइनेंसियल एजुकेशन का आभाव, बढती हुइ महंगाई, लो इनकम , और बहुत कुछ,
लेकिन जो सबसे बड़ा रीज़न है वो है – ख़राब फाइनेंसियल प्लानिंग,
ज्यादातर लोग, फाइनेंसियल प्लानिंग को नजरंदाज कर देते है, बचत के महत्व को नहीं समझते है, सालो साल गुजर जाता है और ज्यादतर लोग कभी इमरजेंसी फण्ड की प्लानिंग ही नहीं कर पाते,
लेकिन, इस पोस्ट को देखने के बाद अपनी फाइनेंसियल प्लानिंग का पहला कदम उठाते हुए – तुरंत सबसे पहले एमरजेंसी फण्ड बनाना शुरू कर देना चाहिए, ताकि किसी तरह के इमरजेंसी सिचुएशन आने से पहले आप उसके लिए तैयार रहे,
इस तरह अगर आप समय रहते अपने लिए इमरजेंसी फण्ड बना लेते है, तो निश्चित तौर पर आप किसी तरह के कर्ज के जाल में फसने से बच सकते है,
इमरजेंसी फण्ड के लिए आपके पास कितना रुपया होना चाहिए
अब सवाल है ये है कि – आप EMERGENCY FUND की प्लानिंग कैसे करेंगे और इमरजेंसी फण्ड के लिए आपके पास कितना रुपया होना चाहिए,
तो इसका जवाब है –
आम तौर पर आपके हर महीने के खर्च के 6 गुना रकम को, एक अच्छा इमरजेंसी फण्ड माना जाता है,
आप इसे एक नियम के तौर पर याद रख सकते है,
इमरजेंसी फण्ड = 6 महीने के खर्च के बराबर का अमाउंट,
अब आपका एक महीने का जो भी खर्च हो, उसका 6 गुना कर लीजिए, और यही होगा आपका इमरजेंसी फण्ड का अमाउंट
जैसे – अगर आपके हर महीने का कुल खर्च है 20 हजार रूपये, तो 6 महीने का कुल खर्च कितना होगा,
इसका जवाब है 20 हजार x 6 यानी = १ लाख 20 हजार रूपये
और यही १ लाख २० हजार की रकम को आपके लिए एक अच्छा इमरजेंसी फण्ड माना जायेगा,
EMERGENCY FUND की प्लानिंग कैसे करें
अब सवाल है कि– इमरजेंसी फण्ड की प्लानिंग कैसे करेंगे ?
तो इसका जवाब है कि – इमरजेंसी फण्ड की व्यस्था करने के लिए आपको अपनी सैलरी या इनकम का एक हिस्सा बचत करके, इमरजेंसी फण्ड के अमाउंट के बराबर अलग रखना होगा,
और हो सकता है कि – इमरजेंसी फण्ड की रकम को जुटाने के लिए हो सकता है कि शुरुआत में आपको खर्चे बहुत कम रखकर, अधिक से अधिक बचत करने की जरुरत होगी, ताकि आप जल्द से जल्द अपने लिए इमरजेंसी फण्ड बना सके,
जैसे – मान लीजिए अगर आपकी सैलरी है 25 हजार रूपये, और आपका हर महीने का खर्च है 15 हजार रूपये,
तो आपका इमरजेंसी फण्ड होगा = कुल ६ महीने का एडवांस खर्च यानी 15 x 6 = 90 हजार रूपये,
तो इस तरह आपको अपने इमरजेंसी फण्ड यानी ९० हजार के लिए अगले 9 महीने तक हर महीने 10 हजार रूपये बचा कर अलग रखना होगा,
और इस तरह आप अपना एक अच्छा इमरजेंसी फण्ड बना सकते है,
ध्यान दीजिए कि- इमरजेंसी फण्ड में जमा रकम को आप इमरजेंसी फण्ड के लिए ही इस्तेमाल करे, किसी और जरूरत के लिए नहीं,
क्योकि ये आपका ही पैसा है, और आपके पास ही रहेगा, लेकिन इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में ,समझदारी इसी बात में है कि – आप किसी भी तरह के जीवन में उथल पुथल, और उतार चदाव के लिए तैयार रहे,
और इसलिए पैसे की चिंता से आजादी का सबसे पहला स्टेप है – इमरजेंसी फण्ड की व्यस्था करना,
और एक बार जब आप इमरजेंसी फण्ड की व्यस्था कर लेते है तो फिर अपने दुसरे फाइनेंसियल गोल्स के लिए अच्छे से काम कर सकते है,
EMERGENCY FUND के लिए फाइनेंसियल एक्सपर्ट की सलाह
कोई भी फाइनेंसियल एक्सपर्ट , आपको किसी भी तरह के निवेश की शुरुआत से पहले , और सबसे पहले यही सलाह देता है कि , आप अपनी सुविधानुसार अगले 6 महीने के खर्च के बराबर एक इमरजेंसी फण्ड जरुर बनाये,और उसके बाद ही आप किसी तरह के इन्वेस्टमेंट के बारे में सोचे,
इसका कारण ये है कि – इमरजेंसी सिचुएशन किसी के भी जिन्दगी में कभी भी आ सकती है और अगर हमारे पास इमरजेंसी फण्ड नहीं है, तो हमारी सारी दूसरी प्लानिंग फ़ैल हो सकती है,
जैसे -मान लीजिए आपने कोई इमरजेंसी फन की प्लानिंग नहीं की और आज आपकी आमदनी अच्छी है, और ये भी मान लते है कि आपने हर महीने 2000 या 5000 रूपये का म्यूच्यूअल फण्ड में हर महीने SIP निवेश शुरू कर दिया हुआ है, और आपके बच्चे भी स्कूल जा रहे है,
लेकिन अचानक कुछ ऐसा होता है कि –आपकी आमदनी बंद हो जाती है, तो शायद अपने बच्चो की फ़ीस पहले भरने का दवाब होगा और ऐसे महो सकता है कि – आपको अपने निवेश को रोकना पड़े,
इस तरह बगैर,इमरजेंसी फण्ड से हम कभी भी आर्थिक प्रॉब्लम में आ सकते है, इसलिए आप किसी भी तरह के इमरजेंसी के लिए तैयार रहे और अपना इमरजेंसी फण्ड तुरंत बनाना शुरु कर दे,
पोस्ट पूरा पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद,
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