कर्ज, उधार, और दोस्ती तथा रिश्तेदारी
आज के इस पोस्ट में हम जानेगे कि -अपने किसी दोस्त, रिश्तेदार या किसी भी जानने वाले को पैसे उधार देते समय,
कौन कौन सी बात का ध्यान रखा जाये , ताकि उधार देने से आपकी फाइनेंसियल पोजीशन ख़राब न हो जाये,
और साथ ही आपका उधार दिया गया पैसा आपको सुरक्षित रूप से वापस भी मिल जाये,
तो अगर आप भी,
उधार पैसे के सुरक्षित लेन देंन में सावधानी के बारे में सीखना समझना चाहते है, तो इस पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़िए,
कर्ज देकर दुसरे का बोझ अपने सर ले लेना,
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है की –
आपने, अपने किसी जानने वाले को कुछ पैसे उधार दिए हो,
और जब आपको उस पैसे की बहुत अधिक जरूरत थी, तब आपका उधार दिया गया पैसा, आपको वापस ना मिला हो,
बहुत ज्यादा चांस है कि – आपके साथ ऐसा जरुर हुआ होगा,
ऐसे केस में उधार देकर अक्सर हम में से ज्यादातर लोग, किसी और का बोझ अपने सर के ऊपर ले लेते है ?
और इसिलए उधार देते समय आपको हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि-
कही ऐसा नही की सामने वाले को उधार देकर आपने, अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार की मदद तो की, लेकिन उस दोस्त या रिश्तेदार की मदद करने के चक्कर में, उस का पूरा बोझ आपके ऊपर आ जाये, और जिस वजह से आप की आर्थिक हालत बहुत ख़राब हो जाये,
जैसे –
मान लीजिए आपकी पत्नी का भाई यानि आपका साला, अगर आपसे पैसे उधार मांगे, तो शायद आपके लिए मना करना बहुत मुस्किल होगा, क्योकि वो आपकी बीवी का भाई हैऔर ऐसे में आपने कहावत तो सुना ही होगा, – सारी खुदाई एक तरफ और जोरू का भाई एक तरफ,
दूसरी बात ये कि – आपका साला आपसे जो पैसे मांग रहा है, वो इसलिए क्योकि वो एक बिज़नस करना चाहता है,
मान लीजिए, अगर वो किसी गलत काम के लिए पैसे मांगता तो आप उसे मना भी कर सकते थे, लेकिन अब आप बताइए कि – क्या अब भी आप उसे उधार देंगे या नहीं, बिलकुल देंगे, क्योकि अगर आप ही साले की मदद नहीं करेंगे तो कौन करेगा ?
अब मान लेते है – आपने अपने साले को अपनी जमा पूंजी का एक बड़ा हिस्सा उधार दे दिया, और आपके साले ने अब खुसी खुशी उस पैसे से कोई बिज़नस शुरू किया,
शुरुआत में बिज़नस ठीक रहा, लेकिन जैसे कि कहावत है – हर दस में से 9 बिज़नस 3 साल के अन्दर ही बंद हो जाते है, और आपके साले का बिज़नस में 3 साल के अन्दर ही लोस में आने से बंद हो गया,
अब आप क्या करेंगे??
आपने तो अपनी आधे से ज्यादा पैसे उसे दे दिए थे,
अब आप अपने साले से पैसे कैसे वापस लेंगे,
ऐसे केस को ही कहा जाता है – किसी और का बोझ अपने सर पे लेना,
गलती आपके साले की थी, उसे बिज़नस का पर्याप्त अनुभव नहीं था, उसने बिज़नस को ठीक ढंग से नहीं संभाला, और बिज़नस लोस होने पर, उस बेचारे का क्या गया??
पैसे तो आपका लगा था न,
मतलब उस पैसे का सारा बोझ किस पर आया ??
आपके ऊपर,
यानि, इस केस में उधार देने और हेल्प करने के बावजूद भी आपको बहुत नुकसान उठाना पड़ सकता है,
तो इसलिए, मेरी राय में जब भी आप उधार दे, तो इस बात का जरुर ध्यान रखे, कही आपके साथ भी ऐसा कुछ न हो, किसी और की गलतियों का सारा दंड आपको मिल जाए, और आपके जमा पूंजी का नुक्सान हो जाये,
कर्ज देते समय सावधान रहने की जरूरत
पैसे के लेंन देन के मामले में एक मशहुर कहावत है कि – उधार दिया गया पैसा जाता तो आपकी मर्जी से , लेकिन वह पैसा आपकी मर्जी से वापस नहीं आता है,
और ऐसे में जब आप किसी को उधार देते है- तो अलग अलग सिचुएशन में बहुत कुछ हो सकता है –
ऐसा भी हो सकता है कि -आपको उधार का पैसा वापस तो मिल गया, लेकिन इसमें समय बहुत ज्यादा लग गया,
और ऐसा भी हो सकता है कि – आपने किसी को पैसा उधार दिया और वह पैसा आपको आज तक वापस न मिला हो, और आपका उधार दिया गया वह पैसा डूब गया हो ?
या फिर
और ये भी हो सकता है कि – आपने किसी को पैसे उधार दिए हो और उस उधार दिए गई पैसे को बार बार मांगने के कारण, उस आदमी के साथ आपका बहुत पुराना रिलेशन भी ख़राब हो गया हो ?
यानी पैसा भी गया और रिलेशन भी,
आपको समझना चाहिए कि –
किसी दोस्त या रिश्तेदार को दिए गए पैसे के बारे में होने वाली समस्या आज से नहीं है,
और पुराने ज़माने से एक कहावत है –
“उधार देते तय कर लो , दोस्त प्यारा है या पैसा ??”
दूसरी तरफ ध्यान देने वाली बात ये है कि –
अब ऐसा नहीं कि – हमेशा ऐसा ही होता है, और सभी दोस्त या सभी रिश्तेदार लोग पैसा डूबा ही देते है,
और दूसरी तरफ ऐसा भी नहीं होता कि – सभी दोस्त या रिश्तेदार उधार का पैसा समय से चूका देते है,
तो मुद्दे बात की ये समझने में है कि – आपको सबसे पहले ये समझना चाहिए कि- उधार दिए गए पैसे डूब जाने के क्या क्या कारण होते है ? और दूसरा ये कि आपको उधार देते समय किन बातो को ध्यान में रखना चाहिए कि- आपका पैसा ना डूबे,
उधार दिया पैसा डूबता क्यों है ?
उधार दिए गए पैसे डूबने के बहुत सारे अलग अलग कारण हो सकते है, मै आपको यहाँ 10 ऐसे कारण बता रहा हु, जिसकी वजह से आपका उधार दिया गया पैसा आपको वापस नहीं मिल पाता,
- कर्जदार की आमदनी बंद हो जाना, नौकरी छुट जाना, या बिज़नस और व्यापर में लोस हो जाने पर,
- कर्जदार की पारिवारिक समस्या,
- कर्जदार की आमदनी से अधिक खर्च की समस्या,
- कर्जदर के पास कर्ज चुकाने की ठोस योजना का अभाव,
- कर्जदार का कर्ज चुकाने के प्रति गंभीर नहीं होना,- निराशाजनक रवैया,
- आपने जिस को कर्ज दिया है, उसका कर्ज वापस करने की इक्क्षा नहीं होना, नियत बदल जाना,
- कर्जदार की आर्थिक स्थिति बहुत ख़राब हो जाना,
- कर्जदार के ऊपर उसकी सम्पति से ज्यादा कर्ज होना,
- आपने जिस को कर्ज दिया है, उसका दिवालिया हो जाना,
- कर्जदार की अकस्मात मृत्यु हो जाना,
इसके आलावा भी कई ऐसे कारण हो सकते है, जिसकी वजह से, आपका उधार दिया गया पैसा आपको वापस निकालने में बहुत तकलीफ उठानी पड़ सकती है,
तो ये तो हो गई बात कि – आपका उधार दिया गया पैसा आपको वापस नहीं मिलने के कितने सारे कारण हो सकते है,
कर्ज और उधार देते समय ध्यान रखने वाली बाते
अब जानते है कि – किसी को भी उधार देते समय आपको किन किन बातो को ध्यान रखना चाहिए कि- ताकी आपका उधार दिया गया पैसा आपको सुरक्षित रूप से वापस मिल जाये,
सबसे पहली बात –
1. क्या सच में आप उधार देना afford कर सकते है?
इसका मतलब है –क्या आपकी खुद की फाइनेंसियल पोजीशन इस तरह की है कि आप उधार दे सकते है, कही ऐसा तो नहीं कि आप खुद भी किसी फाइनेंसियल प्रॉब्लम में है और फिर भी आप उधार देने जा रहे है, अगर आपका उधार दिया गया पैसा आपको नहीं मिल पाता है, तो इसका आपके फाइनेंसियल पोजीशन पर क्या असर पड़ेगा,
अगर आपको लगता है कि – उधार का पैसे देने पर अगर वह पैसा समय से वापस नहीं मिला तो आपके ऊपर इसका ज्यादा असर पड़ेगा, तो आपको इस तरह उधार देने से जरुर बचना चाहिए,
उधार देते समय ध्यान रखने वाली दूसरी बात है –
2. उधार देकर कही ऐसा तो नहीं की आप दुसरे का बोझ अपने सर पर ले रहे है ?
उधार देकर किसी और का बोझ अपने सर पे लेने का मतलब ये है कि ,
कही ऐसा नही की सामने वाले को उधार देकर आपने मदद तो की, लेकिन उसको मदद करने के चक्कर में, उस का पूरा बोझ आपके ऊपर आ जाये, और इस वजह से आप एक बड़े फाइनेंसियल प्रॉब्लम आ गए, जैसे हमने – जीजा साले के एक्साम्प्ल में हमने देखा था,
3– आप किस काम के लिए और कितना पैसा सामने वाले को उधार दे रहे है ?
उधार देते समय हमेशा आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि- आप किस काम के लिए उधार दे रहे है, और आप जितना पैस कर्ज दे रहे है, क्या उस व्यक्ति की कर्ज चुकाने की क्षमता है या नहीं ?
आप जिस काम के लिए कर्ज दे रहे है – क्या सच में उस काम के लिए उतने पैसे की जरुरत है या नहीं?
अगर आपका कोई दोस्त या रिश्तेदार, बिज़नस शुरू करने के लिए पैसे मांग रहा है तो आपको सबसे पहले ये देखना होगा की- क्या वह दोस्त या रिश्तेदार जो बिज़नस शुरू करना चाहता है, उस बिज़नस के बारे में उसे पर्याप्त अनुभव है या नहीं ??
और उसके पास उस कर्ज के बदले कोई सम्पति गिरवी रखने के लिए है या नहीं ?
याद रखीए ,
जिस तरह हर साहूकार ये जानना चाहता है कि – वह जो पैसा उधार दे रहा है, उसका क्या इस्तेमाल किया जायेगा,
चाहे पुराने ज़माने के साहूकार हो या आज के ज़माने के बैंक, बैंक या साहूकार अपने धन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए – हमेशा अर्थपूर्ण काम के लिए ही उधार या कर्ज देते है,
और इसलिए आपको भी हमेशा उधार किसी अर्थपूर्ण काम के लिए ही देना चाहिए,
जैसे – किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी , बच्चो की पढाई लिखाई, या फिर अन्य आवश्यक तथा अनिवार्य खर्चो को पूरा करने के लिए,
ध्यान दीजिए कि –
अगर आप किसी तरह के शौक पूरा करने, मूर्खतापूर्ण और नासमझी भरे काम और किसी की अपनी जिद पूरी करने के लिए, अगर आप उधार देंगे तो आपका पैसा डूब सकता है,
इसलिए – इस बात को जरुर समझे की किस लिए उधार लिया जा रहा है?
अब उधार देते समय ध्यान रखने वाली चौथी बात है –
4. उधार लेने वाले, पर आपको इस बात का कितना भरोसा है कि वह आपका उधार चूका देगा है ?
ये बहुत इम्पोर्टेन्ट है – मेरे हिसाब से, अगर आप किसी को भी, चाहे वो कोई भी हो, आपके घरवाले हो, या आपका खास दोस्त हो या फिर दूसरा कोई भी,
अगर आप इसमें से किसी को पैसे उधार देते समय अगर आपके मन में थोड़ा भी डाउट है कि – आप जो पैसे उधार दे रहे है तो उस डाउट को क्लियर करने के बाद ही पैसे देने चाहिए,
यानी, अगर आपको किसी को उधार देना है, तो उसे उधार देने से पहले ही आपको थोड़ी सावधानी रखनी होगी, उधार देने से पहले ही आपको ये सोचना समझना होगा कि –
उधार देने के बाद क्या क्या हो सकता है? और उन सभी स्थितयों से आप कैसे निपटेंगे,?
जिसको आप उधार चुकाने के लिए उसके पास क्या क्या प्लान है? वह जितना उधार ले रहा है, क्या वह उतना कर्ज चुकाने में समर्थ है या नहीं ?
क्योकि पंजाब में एक मशहुर कहावत है –
अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत,
और इसी कहावत को हिंदी में कहा जाता है –
बाद में सर पकड़ का पछताने से बेहतर है कि आप पहले ही थोड़ी सावधानी रखे,
यानी, अगर आपको किसी को उधार देना है, तो उसे उधार देने से पहले ही आपको थोड़ी सावधानी रखनी होगी,
थोड़ी सी सावधानी आपके धन की सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है,
इसके आलावा – उधार देते समय ध्यान रखने वाली पांचवी इम्पोर्टेन्ट बात है –
5. उधार दिए जाने वाले धन को चुकाने की गारंटी और लिखित अग्रीमेंट,
अगर आपने फाइनल कर लिया है कि – आपको उधार देना चाहिए तो आपको इस उधार की गारंटी और सुरक्षा से सम्बंधित कुछ बातो पर जरुर ध्यान देना चाहिए –
जैसे –
- आपको नकद में उधार नहीं देना चाहिए, हमेशा बैंक के माध्यम से ही उधार देना चाहिए,
- आप जो भी कर्ज दे रहे है, अगर हो सके तो उसको कम से कम 100 रूपये के बांड पेपर, एक लोन अग्रीमेंट बना ले, और इस लोन अग्रीमेंट में सभी शर्तो का उल्लेख करे –
जैसे – लोन का अमाउंट, अगर आप व्याज ले रहे है तो व्याज की दर, लोन कितने समय के लिए दिया जा रहा है, और इसके आलावा लोन नहीं चुकाने की स्थिति में कर्जदार अपनी कौन सी सम्पति को गिरवी रख रहा है,
- लोन अग्रीमंट किसी वकील की देख रेख बनाया जाना चाहिए और उस लोन अग्रीमेंट पर उधार दिए गए पैसे के सम्बन्ध लिखित गवाही भी होनी चाहिए,
- लोन नहीं चुकाने की स्थिति में दण्डात्मक कार्यवाही के बारे में उल्लेख होना चाहिए,
दोस्तों,
आशा है, इस पोस्ट में बताई गई बातो को आप जरुर याद रखेंगे, और इन तरीको का इस्तेमाल करके आप अपने धन को सुरक्षित रुप से उधार देकर अपनी पूंजी किस सुरक्षा कर पाएंगे,
पूरा पोस्ट पढने के लिए धन्यवाद.
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