DEBT TRAP – IN HINDI कर्ज का बोझ और इसके कारण

DEBT TRAP – कर्ज का जाल

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कर्ज क्या होता है ?

DEBT TRAP, कर्ज को ENGLISH में DEBT कहा जाता है,

और कर्ज का मतलब है –

जब आप अपनी आज की जरुरत को पूरा करने के लिए, किसी व्यक्ति से, संस्था से, या किसी बैंक से व्याज पर पैसे, उधार लेते है,

और इस बात का वादा करते है कि आप उस व्यकित को अपने फ्यूचर में होने वाली आमदनी से, उधार लिया गया पैसा व्याज सहित चूका देंगे,

यानी,

कर्ज की हेल्प से आप अपने फ्यूचर में मिलने वाली किसी चीज को आज ही पा लेते है,

जैसे – आप 5 लाख की एक गाडी लेना चाहते है, और आज आपके पास सिर्फ 50 हजार रूपये ही है, तो अब आप क्या करेंगे ?

आपके पास दो उपाय है,

पहला उपाय है – गाडी खरीदने के लिए आपके पास जो ४.५ लाख रूपये कम है,  तो सबसे पहले आपको ४.५ लाख रूपये और जमा करेंगे, और उसके बाद गाडी लेंगे, लेकिन ४.५ लाख रूपये जमा करने में आपको हो सकता है कि 4 साल या ५ साल का समय लग जाये,

और आपको तो गाडी तो आज ही लेनी है, क्योकि आपके पडोसी या आपके दोस्त ने तो गाडी आज ही ले ली है, और आप 5 साल बाद लेंगे, ये तो कितना बुरा होगा आपके साथ ? है ना,

तो आप क्या करेंगे –

ऐसे में आपके पास गाडी खरीदने के लिए दूसरा और बहुत आसान उपाय ये है कि – आप गाडी खरीदने के लिए बैंक से कर्ज यानी DEBT ले लो. और आज ही गाडी खरीद लो,

और बैंक से लिए गए कर्ज को आप हर महीने एक व्याज सहित एक EMI के रूप में चूका दो,

तो दोस्तों , ऐसा  कहा जा सकता है कि –

 कर्ज एक ऐसे चीज है, जिसकी हेल्प से आप अपने फ्यूचर को आज ही जी सकते हो, आपको अपनी इक्क्षाओ की पूर्ति के लिए बहुत ज्यादा इन्तेजार नहीं करना है,

कर्ज लो और अपनी इक्क्षा पूरी करो, और बाद में व्याज सहित हर महीने कर्ज की EMI चुकाते रहो,

कर्ज का जाल क्या होता है?

कर्ज के जाल को इंग्लिश में DEBT TRAP कहा जाता है,

कर्ज का जाल एक तरह की ऐसी स्थिति होती है,  जब किसी इन्सान के लिए अपने कर्ज को चुकाना बहुत मुस्किल हो जाता है,

यानी किसी आदमी की ऐसी फाइनेंसियल पोजीशन, जब उसके लिए अपने कर्ज की मूल रकम, यानी प्रिंसिपल अमाउंट को चुकाना लगभग असंभव हो जाता है,

और वह आदमी सिर्फ कर्ज का व्याज ही चूका सकता है,

और कभी कभी जब वह आदमी व्याज भी नहीं चूका पाता, तो उसके कर्ज की रकम और ज्यादा बढ़ जाती है,

तो इस तरह की सिचुएशन जब आदमी अपनी पूरी कोशिश के बावजूद,

अपने कर्जो को कम नहीं कर पा रहा हो, और उसके कर्जे कम होने के बजाये जस के तस बने हुए हुए हो, और साथ ही कर्जे बढ़ते जा रहे हो, तो इस तरह के कर्ज की सिचुएशन में आदम के फस जाने को ही, कर्ज के जाल में फसना कहते है,

जैसे –

अक्सर , क्रेडिट कार्ड का पूरा पैस खर्च करने के बाद, जब क्रेडिट कार्ड का कर्ज चुकाने का समय आता है तो लोग अपनी आमदनी से, क्रेडिट कार्ड के बिल की पूरी रकम को नहीं चूका पाते है,

और फिर मिनिमम पेमेंट के रूप में सिर्फ व्याज भरते रहते है,

तो इस तरह की सिचुएशन, जब आदमी अपने क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल नहीं भर पाता और लगातार कई महीनो तक सिर्फ मिनिमम बिल पेमेंट करता रहता है,

तो इसका मतलब है, वह आदमी क्रेडिट कार्ड के कर्ज के जाल में फ़स चूका है, क्योकि मिनिमम पेमेंट करने का मतलब यही है कि वह अपने कर्ज को पूरा नहीं चूका सकता है, और सिर्फ व्याज ही चूका सकता है,

कर्ज के जाल (DEBT TRAP) में फसने के क्या क्या कारण होते है ?

कर्ज के जाल में फसने के कुछ सबसे बड़े कारण है –

  1. अपनी जरुरत और अपनी इक्क्षा के बीच के फर्क को नहीं समझना, और अपनी इक्क्षाओ की पूर्ति के लिए नए ने लोन लेते रहना,
  2. अपनी आमदनी से चुकाये जाने की सीमा से ज्यादा अधिक कर्ज ले लेना,
  3. महंगे व्याज दर पर व्याज ले लेना,
  4. कर्ज को चुकाने के लिए प्रॉपर फाइनेंसियल प्लान का अभाव,
  5. कर्ज ले लेने के बाद, नौकरी छूट जाना, या बिज़नस में लोस हो जाना,
  6. फाइनेंसियल एजुकेशन, पर्सनल फाइनेंस और पैसे की समझ की कमी,

इसके आलावा भी बहुत सारे कारण हो सकते है, तो मेरी रिक्वेस्ट है आप इन कारणों को ध्यान में रखीए और कर्ज लेते समय इन बातो को ध्यान रखीए ताकि आप किसी कर्ज के जाल में फसने से बच सके,

आदमी कर्ज के जाल (DEBT TRAP) में फ़स कैसे जाता है?

जैसे – मैंने पहले बताया कि – मिनिमम पेमेंट करने से आदमी अपने आप automatically कर्ज के जाल में फस जाता है, और उसे पता नहीं चलता है,

ठीक वैसे ही आज हर छोटी बड़ी फाइनेंस कंपनी और सभी छोटे बड़े बैंक, तमाम तरह के अलग अलग कर्ज का ऑफर करती रहती है,

ऐसे में, अगर आपके पास एक अच्छी और ठीक ठाक नौकरी है, और आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा है तो आज आपको बड़ी ही आसानी से,

क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन, होम लोन, बाइक लोन, कार लोन, हॉलिडे लोन,

और इसके अलावा भी आपकी हर इक्क्षा को पूरा करने के लिए, तमाम तरह के अलग अलग बहुत सारे लोंन, बड़ी आसानी से मिल जाते है,

अब,

ध्यान देने वाली बात ये है कि – आप कर्ज लेकर बड़ी आसानी से आप अपनी बहुत सारी इक्क्षाओ को पूरा कर तो सकते है, और कर्ज लेते समय सब कुछ इतना अच्छा लगता है कि – आपको सिर्फ वही दिखाई देता है, जो आपको कर्ज लेने के बाद से मिलने वाला है,

जैसे – अगर आपने कोई पर्सनल लोन लिया, तो आपको बस यही याद आता है कि आप इस लोन से मिलने वाले पैसे से क्या क्या खरीदेंगे, और कहा कहा घूमेंगे,

उस वक्त आपको याद भी नहीं रहता कि – आपको अगले २ साल या ३ साल तक हर महीने आपको उस लोन की EMI भी चुकानी है,

खैर, आप लोन लेकर जो भी करे, एक बात तो तय है कि आप के लोन का पैसा कुछ ही दिनों में आपके अकाउंट से खाली हो जायेगा,

यानी कोई भी कर्ज क्या है – चार दिन की चांदनी और फिर अँधेरी रात,

कर्ज के पैसे ख़त्म होने के बाद आपकी आमदनी वही रहेगी, और आपको अपनी उसी आमदनी और उसी सैलरी में अपने सभी पुरे खर्च पुरे करने के साथ- साथ, आपको हर महीने अपने कर्ज के EMI को भी भरना होगा,

अब आपकी इनकम कम हो ज्यादा,

लेकिन, लोन की EMI फिक्स्ड है, वो आपको हर हाल में चुकाना ही होगा,

अब ऐसे में,

ज्यादातर लोगो की, इनकम नहीं बढ़ पाती , लेकिन हर आदमी की जरूरते और खर्चे बढ़ते ही रहते है,

और कभी कबी अचानक कोई एमरजेंसी सिचुएशन भी आ जाती है –

जब कुछ दिनों के लिए आपकी नौकरी छुट जाती है, या बिज़नस में लोस हो जाते है, या फिर फिर कुछ घर में मेडिकल प्रॉब्लम हो जाती है,

और आप कुछ महीने के लिए या तो अपने लोन की EMI नहीं भर पाते है,

ऐसे में आपको अपने EMI को रेगुलर भरने के लिए ,आपको किसी और से प्राइवेट कर्ज लेना पड़ता है,

और जब आपकी जरुरत ज्यादा होती है, तो आपको बहुत महंगे व्याज दर पर भी कर्ज लेना पड़ता है,

और इस तरह,

अब महंगे व्याज दर, के कारण आपके ऊपर,  कर्ज का बोझ बढ़ते जाते है,

और एक समय ऐसा आता है कि –

आदमी  अपने एक कर्ज को पूरा करने के लिए, आप दूसरा कर्ज लेते  है,

और दुसरे कर्ज कर्ज को पूरा करने के लिए तीसरा और ये सिलसिला चलता रहता है,

और इस तरह,

आदमी के ऊपर कर्ज कम होने के बजाये बढ़ने ही लगते है,

और एक समय आता है जब आदमी सिर्फ व्याज ही चूका सकता है,

और प्रिंसिपल यानी कर्ज के मूलधन को चुकाना उस आदमी के आमदनी में संभव नहीं होता,

और फिर आदमी को जब तक अहसास होता है,

तब तक वो कर्ज के जाल में फ़स चूका होता है,

दोस्तों,

कर्ज के जाल में फसना, बिल्कुल कैंसर की बिमारी की तरह है, जब तक पता चलता है, तब तक अक्सर बहुत देर हो चूका होता है, इसलिए,

हम सभी के लिए, बेहतर यही है कि – कर्ज के जाल में फसने से बचे, और इसके लिए हम पहले ही सावधान रहे,

क्योकि कर्ज के जाल में फसने के बाद, इस से बाहर निकलना, आपके लिए बहुत महंगा साबित हो सकता है,

कर्ज का जाल कितना भयंकर हो सकता है, इस बारे में  डॉक्टर Ankala V Subbarao कहते है कि –

Debt Trap Can Sometimes Become a Death Trap

आपने खुद भी देखा होगा,

अधिक कर्ज के जाल में फस जाने के बाद, आदमी बिलकुल टूट जाता है, मानसिक रोगी बन जाता है, और कई बार तो लोग कर्ज के जाल म फ़स जाने के बाद जब उन्हें कोई रास्ता नजर नहीं आता तो वे आत्महत्या तक कर लेते है, और जान दे देते है,

यानी, कर्ज के जाल में फसना, कभी कभी मौत का कारण बन जाता है,

कर्ज का जाल – (DEBT TRAP) – SUMMARY

मैंने आपको इस विडियो में ये बताने कि कोशिस की है कि – कर्ज का जाल क्या होता है, और आदमी कर्ज के जाल में कैसे फ़स जाता है,

अगर आपको ऐसा लगा रहा है कि – मै आपक डरा रहा हु, तो मेरा मानना है कि-  अगर आप कर्ज लेने से डरते है तो इसमें कोई बुराई नहीं है,  क्योकि सच में कर्ज के जाल में फसना, अपने आप में बहुत डरावनी चीज होती है ,

और बेहतर ही कि आप कर्ज लेने से पहले थी थोडा डर जाये, और किसी तरह के बुरे कर्जो से दूर रहे,

क्योकि,

मेरा मानना है कि – बीमार होने के बाद पर हॉस्पिटल जाने और अपना इलाज कराने से बेहतर है, कि अपनी कोशिश ऐसी होनी चाहिए कि हम बीमार ना हो, और बीमार नही होंगे तो इलाज कराने की जरुरत ही नहीं होगी,

और इसीलिए, अगर आप कर्ज के जाल में फसने से बचे रहते है, तो आपको कर्ज के जाल से बाहर निकलने की जरुरत ही नहीं होगी,

 


DEBT TRAP पोस्ट कैसा लगा , इसके बारे में  आप अपने सवाल या विचार को कमेंट में जरुर लिखिए..


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