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BULLISH ENGULFING PATTERN

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MULTIPLE CANDLESTICK PATTERN –ENGULFING PATTERN

ENGULFING PATTERN एक MULTIPLE candlestick Pattern वाला पैटर्न है, और ये दो कैंडल यानी दो TRADING SESSION को एक साथ देखने पर पैटर्न दिखता है,

ENGULFING का अर्थ होता है निगलना, और इस पैटर्न में जो दो कैंडल बनते है, उसमे पहले कैंडल को दूसरा कैंडल निगलता हुआ ही दीखता है, इसिलए इसे ENGULFING PATTERN कहा जाता है,

जिसमे पहला कैंडल एक छोटा कैंडल होता है, और दूसरा कैंडल पहले कैंडल के मुकाबले काफी बड़ा कैंडल होता है,

ENGULFING PATTERN दोनों तरह के TREND यानी UP TREND और DOWN TREND दोनों  में बनता है,

अगर ENGULFING PATTERN चार्ट में DOWN TREND में बनता है तो TREND REVERSAL यानी आगे BULLISH TREND हो जाने कि सम्भावना होती है,

और अगर ENGULFING PATTERN चार्ट में UP TREND में बनता है तो TREND REVERSAL यानी आगे BERARISH TREND हो जाने कि सम्भावना होती है,

इन दोनों TREND को हम अलग अलग समझेंगे-

आइये पहले देखते है BULLISH ENGULFING PATTERN

BULLISH ENGULFING PATTERN

BULLISH ENGULFING PATTERN जैसा कि नाम से स्पस्ट है कि या एक बुलिश पैटर्न है, और यह डाउन ट्रेंड में एकदम निचे BOTTOM में बनता है, BULLISH PATTERN है इसलिए एक ट्रेडर को ENGULFING के आधार पर LONG POSITION का मौका देखना चाहिए और शेयर्स खरीदना चाहिए,

BULLISH ENGULFING PATTERN कैंडल पैटर्न कैसे बनता है?

  1. बुलिश इन्गुल्फिंग पैटर्न बनने से स्टॉक पहले से डाउन ट्रेंड में होता है, और price और निचे जाता रहता है,
  2. और इन्गुल्फिंग पैटर्न बनने के पहले सेशन में एक छोटा रेड (BEARISH) कैंडल बनता है, जो कि डाउन ट्रेंड में अक्सर होता है,
  3. लेकिन दुसरे सेशन में एक ग्रीन (BULLISH) कैंडल बनता है, जिसका OPEN PRICE और LOW PRICE पहले बने रेड कैंडल से भी काफी कम होता है, लेकिन उसका CLOSE PRICE और HIGH PRICE पहले बने रेड कैंडल से काफी ज्यादा लगभग दोगुना होता है,
  4. और इस तरह एक नया और मजबूत बुलिश कैंडल बनने से आगे ऐसी आशा कि जाती है, स्टॉक का जो पिछला DOWN TREND चला आ रहा था, वो अब टूट जायेगा और इस कारण अब आगे मार्केट बुलिश रहेगा , और हमको हमारी ट्रेड कि POSITION लॉन्ग रखनी चाहिए, और स्टॉक BUY करने चाहिए,

BULLISH ENGULFING PATTERN की पहचान –

1.       BULLISH ENGULFING PATTERN बनने से पहले स्टॉक DOWN TREND में होना चाहिए,

2.     BULLISH ENGULFING PATTERN  का पहला कैंडल एक SMALL REAL BODY के साथ छोटा और सबसे महत्वपूर्ण रेड यानी BEARISH कैंडल होना चाहिए,

  1. बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न का दूसरा कैंडल एक REAL BODY के साथ LONG और बुलिश यानी ग्रीन कैंडल होना चाहिए ,
  2. दोनों CANDLE का COLOR महत्वपूर्ण है, पहला BEARISH और दूसरा बुलिश
  3. दोनों कैंडल को देखने पर ऐसा लगे कि पहला कैंडल, दुसरे कैंडल कि रियल बॉडी के अन्दर आ जायेगा,
  4. BULLISH ENGULFING PATTERN कैंडल का उदहारण-
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BULLISH ENGULFING PATTERN  का प्रभाव –

आइये अब बात करते है कि बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न का मार्केट में क्या प्रभाव होता है,

  1. DOWN TREND में बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न दिखने के बाद , ऐसी आशा की जाती है कि , अब REVERSAL आ सकता है, और मार्केट BULLISH रहेगा, इसीलिए हमें स्टॉक खरीदने के मौके देखने चाहिए.

BULLISH ENGULFING PATTERN  के ऊपर TRADER ACTION PLAN

बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न  एक BULLISH कैंडल है इसलिए, हमें इस पैटर्न के आधार पर अपनी LONG POSITION  रखनी चाहिए,यानी स्टॉक को खरीदना चाहिए

अब सवाल है कि कब ख़रीदे और कितने में ख़रीदे और STOP LOSS क्या हो ?

और इस तरह बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न  के ऊपर हमारा ट्रेड सेट अप इस तरह रहेगा.

TRADE SET UP – BASED ON BULLISH ENGULFING PATTERN  

  1. अगर आप RISK TAKER ट्रेडर है तो आप बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न कन्फर्म होने के साथ तुरंत ट्रेड ले सकते है,

और अगर आप RISK TAKER नही है तो आप बुलिश एन्गुल्फिंग पैटर्न  बनने के बाद अगले कैंडल के BULLISH होने पर डबल कन्फर्मेशन के साथ ट्रेड ले सकते है,

  1. TARDE का SET उप इस तरह हो सकता है,
    1. BUY PRICE= पैटर्न के दुसरे यानी BULLISH कैंडल के CLOSING PRICE के आस पास
    2. STOP LOSS = पैटर्न का सबसे LOWEST PRICE
    3. TARGET = आप अपनी RISK MANAGEMENT के अनुसार टारगेट सेट कर सकते है.

NOTES: अगर आप कोई भी ट्रेड लेते है तो तीन चीज़ हो सकता है ..

  1. मार्केट आपकी सोच के अनुसार BULLISH हो सकता है – आप अपना PROFIT BOOK सही समय देखकर जरुर कर ले.
  2. मार्केट आपकी सोच के विपरीत BEARISH हो सकता है –और अगर आपका STOP LOSS हिट हो रहा है तो , TRADE से EXIT कर ले.
  3. अगर MARKET SIDWAYS हो जाता है, तो आप इन्तेज़ार कर सकते है, और अपनी नजर बनाये रखे.

अगर आप ऐसा नहीं करते है, तो आप TECHNICAL ANALYSIS को फॉलो नहीं कर रहे है, आप कुछ और कर रहे है, और फिर सब कुछ किस्मत के भरोसे यानी GAMBLING हो जाएगी.

Technical Analysis

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