financial Goals -5 प्रकार के आर्थिक लक्ष्य (5 Types of Financial Goals in Hindi)
फाइनेंसियल प्लानिंग के सीरीज में अब तक आपने पढ़ा –
और इन तीनो आर्टिकल को पढने से हमने जाना कि – व्यक्तिगत तौर पे एक आम आदमी के पास पैसे, वित्त यानि फाइनेंस को लेकर बहुत सारी परेशानिया होती है, और कुछ बड़ी बड़ी चिंताए होती है, जैसे – बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए पैसे कहा से आयेंगे, बच्चो की शादी के लिए पैसे कैसे जुटाएंगे, या फिर अपने मकान कैसे बनायेंगे और रिटायरमेंट के बाद जीवन यापन के लिए पैसे कहा से आयेंगे ?
आर्थिक लक्ष्यों के प्रकार
अब जिन चिन्ताओ की हमने ऊपर बात की, इन सभी चिंता को पर्सनल फाइनेंस की भाषा में अलग अलग एक Financial Goals (आर्थिक लक्ष्य) के रूप में देखा जाता है, और इन सभी फाइनेंसियल गोल्स को पूरा करने के लिए हमें फाइनेंसियल प्लानिंग की जरुरत होती है,
तो अब ऐसे में एक और सवाल ये आता है कि – पैसे से जुड़ी तो एक नहीं बहुत सारी चिंताए होती है तो आखिर कितने तरह के फाइनेंसियल गोल्स बनाये जाये, जिन्हें हम आसानी से पूरा कर सके और अपना जीवन चिंता मुक्त जी सके,
तो आज के इस पोस्ट में बिल्कुल इसी बात को जानेंगे कि – फाइनेंसियल गोल्स कितने तरह के होते है?
तो इसका सीधा सा जवाब है – आर्थिक लक्ष्यों के साथ समय को जोड़ने पर हमें कुल पांच प्रकार के आर्थिक लक्ष्य (Financial Goals) देखने को मिलते है,
- Ultra Short Term Financial Goals ( Within 1 year)
- Short Term Financial Goals (1-3 years)
- Mid Term Financial Goals (3-10 years)
- Long Term Financial Goals (10+ years)
- Retirement Goals
अब इन पांच फाइनेंसियल गोल्स के बारे में डिटेल में जानते है –
1. Ultra Short Term Goals ( Within 1 year)
इसे अगर हिंदी में कहे तो अति अल्पकालीन वित्तीय लक्ष्य, यानि जिन लक्ष्यों को हमें एक साल से कम समय के भीतर पूरा करना है,
जैसे –
6 महीने के अन्दर क्रेडिट कार्ड के कर्ज से मुक्ति ,
1 साल के भीतर कम से कम ३ से 6 महीने के खर्चो के बराबर एक इमरजेंसी फण्ड (आपातकालीन जमा) बनाना,
दोस्तों से या रिश्तेदारों से लिए बिना व्याज के पैसे वापस देना (ताकि रिस्तो में दरार ना पड़े )
ध्यान दीजिए कि – इस तरह के आर्थिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए हमें अपने आमदनी से एक निश्चित मात्रा में पैसे बचाने की जरुरत होती है , और इसके लिए हो सकता है हमें अपने कुछ कम गैर जरुरी खर्चो को रोकना पड़े,
जैसे – घर के बाहर होटल में खाना पीना, इस साल की छुट्टियो में होने वाले खर्च, हर हफ्ते थिएटर में फिल्म देखने का खर्च, और अन्य कुछ ऐसे खर्चे जो हम करते है, जैसे – नए कपड़े , नयी ज्वेलरी, और सबसे बड़ी बात घरेलु सामान के लिए कोई नयी खरीददारी, जैसे – नया टीवी, नया मोबाइल, नया वाशिंग मशीन, आदि,
2. Short Term Goals (1-3 years)
इसे अगर हिंदी में कहे तो अल्पकालीन वित्तीय लक्ष्य, यानि जिन लक्ष्यों को हमें एक साल से अधिक लेकिन 3 साल के भीतर पूरा करना है,
जैसे –
बैंक या किसी अन्य आर्थिक संस्थानों से लिए पर्सनल लोन के कर्ज से मुक्ति,
अगर बच्चा स्कूल में एडमिशन लायक हो जाये तो किस अच्छे स्कूल में उसके एडमिशन के लिए लगने वाले फण्ड की व्यय्व्स्था,
तीन साल के अन्दर अपने भाई या बहन या किसी खास दोस्त -रिश्तेदार की शादी के लिए लगने वाला आपकी तरफ से खर्च,
अगर आप आपने घर को रिपेयर करने के साथ नयी पेंटिंग करना चाहते है,
अगर आप अगले २ या 3 साल में कोई गाड़ी लेना चाहते है, या तीन साल के अन्दर आप कोई बड़ी छुटी मनाने और किसी हिल स्टेशन पर जाने का प्लान कर रहे है ….
तो इस तरह के सभी प्लान को अल्पकालीन आर्थिक लक्ष्य कहा जा सकता है,
ध्यान दीजिए कि – इस तरह के आर्थिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए हमें अपने आमदनी से एक निश्चित मात्रा में पैसे बचाने के साथ साथ बैंक द्वारा दी जाने वाली फिक्स्ड डिपाजिट और Recurring Deposit में, थोड़े थोड़े पैसे हर महीने जमा करके इन लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते है,
3. Mid Term Goals (3-10 years)
इस तरह के लक्ष्य को अगर हिंदी में कहे तो – अल्पकाल से थोड़े बड़े लक्ष्य जो हमें 3 साल से ज्यादा लेकिन अगले 10 साल के भीतर पूरा करना है,
जैसे –
अगर आप होम लोन लेकर घर लेना चाहते है तो उसके डाउन पेमेंट और अन्य खर्चो के लिए फण्ड की व्यस्था करना,
इस तरह अगर आपके बच्चे अगले 3 साल या 5 साल बाद अगर कॉलेज में जाते है तो उनके पढने लिखने और अलग अलग tution फीस का खर्च,
अगर आप अपना खुद का कोई बिज़नस /व्यापार शुरू करना चाहते है तो उसके लिए फण्ड की व्यवस्था,
ध्यान दीजिए कि – इस तरह के आर्थिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए हमें अपने आमदनी से एक निश्चित मात्रा में पैसे बचाने के साथ साथ बैंक द्वारा दी जाने वाली फिक्स्ड डिपाजिट और Recurring Deposit के आलावा थोड़े कम रिस्क वाले म्यूच्यूअल फण्ड में हर महीने थोड़े थोड़े पैसे जमा करके इन लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते है,
और इस तरह आप इन बड़ी आर्थिक चिन्ताओ से बच सकते है..
4. Long Term Goals (10+ years)
इस तरह के लक्ष्य को अगर हिंदी में कहे तो – बड़े लक्ष्य जो हमें 10 साल या उस से ज्यादा समय में पूरा करना है,
जैसे – बच्चो की उच्च शिक्षा, अपना घर, बच्चो की शादी, आर्थिक आजादी, अपना बिज़नस शुरू करना,
ध्यान दीजिए कि – इस तरह के आर्थिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए हमें अपने आमदनी से एक निश्चित मात्रा में पैसे बचाने के साथ साथ आप उसे हर महीने इक्विटी म्यूच्यूअल फण्ड में हर महीने थोड़े थोड़े पैसे जमा करके भी इन लक्ष्यों की प्राप्ति कर स है,
5. रिटायरमेंट (सेवा निवृति)
हर व्यक्ति चाहता है कि वह रिटायरमेंट के बाद पैसे की चिंता से आजाद होकर, सुखी जीवन व्यतीत करे, लेकिन आज की फ़ास्ट लाइफ स्टाइल में रिटायरमेंट तक पहुचने पर अलग अलग तरह की बीमारी और अन्य जिम्मेदारियों की वजह से अक्सर हमारे खर्चे उतने ही होते है जितना नौकरी के समय, तो ऐसे में हमें रिटायरमेंट के बाद लगने वाले अपने मासिक खर्चो की प्लानिंग के लिए रिटायरमेंट फण्ड की जरुर व्यस्था करनी चाहिए , ताकि बुढापे में हमें अपने बच्चो या किसी और पर बोझ न बनना पड़े,
और इसके लिए, आप जैसे ही नौकरी की शुरुआत करे तो हर महीने sip के माध्यम से Equity Mutual fund में रिटायरमेंट का सोच कर कुछ न कुछ पैसे जरुर जमा करते रहे ….ताकि बुढ़ापे और रिटायरमेंट के बाद आपको किसी के आगे हाथ न फैलाना पड़े,
निष्कर्ष –
इस तरह पैसे की चिंता से आजादी और अपने हर आर्थिक लक्ष्यों की पूर्ति यहाँ तक कि अपने रिटायरमेंट के लिए सरकार या अपनी कंपनी, या भगवान के ऊपर निर्भर रहना आपके लिए कल एक बहुत बुरा फैसला साबित हो सकता है ….तो इसलिए आप खुद ही जिम्मेदारी ले और अपने अलग अलग आर्थिक लक्ष्यों Financial Goals को पूरा करने के लिए आगे बढे ….
अपने मन में इस पोस्ट से जुड़ा कोई सवाल या अपने विचार को कमेंट में जरुर लिखे …
पोस्ट पूरा पढने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.