Derivative की परिभाषा
डेरीवेटिव क्या है, अगर इसकी परिभाषा से देखे तो Derivative की परिभाषा ये कहती है कि By Definition –
Derivative is an instrument which value is derived from one or more underlying asset/things/products
Derivative एक प्रोडक्ट है, इंस्ट्रूमेंट है और स्टॉक मार्केट के सम्बन्ध में कॉन्ट्रैक्ट है , जैसे कि फ्यूचर एंड आप्शन , जिसकी प्राइस underlying एसेट यानि स्टॉक या फिर इंडेक्स से तय होता है,
जैसे – निफ्टी फ्यूचर एक डेरिवेटिव है, जिसकी वैल्यू derive होती निफ्टी के भाव से,
और जैसा डेफिनिशन बताता है, डेरीवेटिव उत्पन होने के लिए, एक कुछ बसे यानि underlying चाहिए, जिसके ऊपर या जिस से डेरीवेटिव बनाया जा सके,
जैसे (Derivative Example in Hindi ) –
सोने की रिंग सोने से बनती है, इसलिए सोने की रिंग का भाव मार्केट में कच्चे सोने के मार्भाकेट भाव से तय होता है
इसलिए सिम्सोपली सोने की रिंग डेरीवेटिव है सोने का, और मार्केट में अगर सोने के भाव में तेजी होगी, तो सोने की रिंग का भाव भी बढेगा, और मार्केट में अगर सोने का भाव घटा तो सोने की रिंग के भाव में कमी आ सकती है,
ये एक सिम्पल एक्साम्प्ल है डेरीवेटिव का, यहाँ पर सोना underlying asset है सोने का,
इसके अलावा – दही भी डेरीवेटिव दूध का,
दही, दही बंनने के लिए जरुरी है दूध, दूध नहीं तो दही नहीं, इसलिए दही जो डिपेंड (underlay) है दूध पे, और इसलिए हम कह सकते है दही डेरीवेटिव है दूध का,
जी हा, दही डेरीवेटिव है,
और आज के बाद, आप जब भी दही को देखो, दही खाओ या दही का नाम भी सुनो तो समझना कि दही दूध का डेरीवेटिव है,
एक स्टेप आगे…जाये…तो
दही से बनता है – घी और मक्खन, और घी और मक्खन दही के डेरीवेटिव है, या कह सकते है कि दही या मक्खन दूध के भी डेरीवेटिव है …क्योकि …दही हो, मक्खन हो या फिर घी हो …इन सबकी उत्पति दूध होने पर ही संभव है,
अगर दूध नहीं तो दही नहीं…
खैर….हम दूध दही और इन सबमे और डीप में नहीं जायेंगे…यहाँ पर हमें सिम्पली ये समझना है कि दही एक बेस्ट एक्साम्प्ल है डेरीवेटिव का…
लेकिन दही और स्टॉक मार्केट का क्या सम्बन्ध,
दही और स्टॉक मार्केट (डेरीवेटिव) का क्या सम्बन्ध
ये सही है कि दही और स्टॉक मार्केट का कोई सम्बन्ध नहीं है, लेकिन जो हमने कांसेप्ट समझा डेरीवेटिव का, उस कांसेप्ट का स्टॉक मार्केट में बहुत ज्यादा महत्व है,
क्योकि स्टॉक मार्केट में दो सेगेमेंट होते है
एक होता है – कैश सेगेमेंट, औरदूसरा – डेरीवेटिव सेगेमेंट,
और डेरीवेटिव सेगमेंट को हम फ्यूचर और आप्शन सेगमेंट के नाम से भी जानते है,
यानी स्टॉक मार्केट में स्टॉक फ्यूचर एक डेरीवेटिव है, जिसका मूल्य उसके underlying stock के भाव से निकाला जाता है,
और आप्शन के साथ भी ऐसा ही है, आप्शन भी एक डेरीवेटिव है, जिसका भाव किसी स्टॉक या इंडेक्स के भाव से निकाला जाता है,
जैसे – टाटा स्टील फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट, एक डेरीवेटिव है , और इस केस में टाटा स्टील फ्यूचर के कॉन्ट्रैक्ट का भाव डिपेंड करेगा, टाटा स्टील के स्टॉक प्राइस से,
और ऐसे ही, निफ्टी आप्शन कॉन्ट्रैक्ट, एक डेरीवेटिव है, और निफ्टी आप्शन कॉन्ट्रैक्ट का भाव derive होगा निफ्टी से,
अब डेरीवेटिव इनता इम्पोर्टेन्ट क्यों है ?
अगर बात करे कि डेरीवेटिव का क्तोया इम्पोर्टेंस है ?
तो डेरीवेटिव बहुत ही इम्इपोर्सटेन्काट पार्ट है स्टॉक मार्केट या कैपिटल मार्केट का, और इसका सिम्पल सा कारण ये है कि अगर आप स्टॉक मार्केट के डाटा को देखे तो आपको पता चलेगा कि इन टर्म ऑफ़ टर्नओवर, कैश सेगेमेंट से कई गुना ज्यादा कारोबार डेरीवेटिव सेगेमेंट में होता है, और अगर कोई स्टॉक मार्केट में काम करना चाहता है तो उसके लिए लिए डेरीवेटिव के कांसेप्ट को समझना बहुत ही ज्यादा इम्पोर्टेन्ट हो जाता है,
आई हॉप कि आप यहाँ तक डेरीवेटिव के कांसेप्ट को जरुर समझ पा रहे होंगे…और आपको डेरीवेटिव का कांसेप्ट और इसकी परिभाषा, इसका अर्थ आपको जरुर याद रहेगा…
Derivative और underlying asset
जैसा हमने देखा डेरीवेटिव में दो चीज है
पहला – डेरीवेटिव प्रोडक्ट (कॉन्ट्रैक्ट ) उस प्रोडक्ट का underlying asset (जिस के आधार पर डेरीवेटिव का भाव में बदलाव आता है )
अब एक इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन – किसका भाव ज्यादा होगा – डेरीवेटिव का या फिर उस डेरीवेटिव के underlying (asset/stock/index) का,
दुसरे, शब्दों में,
Example के तौर पे किसका भाव ज्यादा होगा दही या फिर दूध का ?
(ध्यान दीजिए कि दही डेरीवेटिव है और दूध underlying है )
तो इसका जवाब यही होगा कि –
दही क्योकि दूध से बनता है, दूध को दही बनने के लिए समय लगता है, प्रोसेस होता है, और उस प्रोसेस के कास्ट को जोड़ने से दूध की अपेक्षा दही की कीमत ज्यादा हो जाती है,
जैसे – अगर दूध का प्राइस है x और उस दूध को दही बनाने में जो कास्ट आएगा वो मान लेते है Y
तो दही का जो प्राइस होगा = x+y+profit of the seller
और अगर दूध का भाव बढेगा तो दही का भाव आटोमेटिकली बढ़ जायेगा… यानि, इसका मतलब ये हुआ कि – आम तौर पर
डेरीवेटिव का भाव उसके underlying asset से ज्यादा होता है,
और बिल्कुल स्टॉक मार्केट के डेरीवेटिव सेगमेंट में कुछ ऐसा ही देखने को मिलता है
और इसमें जो डेरीवेटिव होता है उसका प्राइस भी कुछ इसी तरह से तय होता है, जिसमे underlying asset (stock/index/commodity) का मार्केट प्राइस + कॉन्ट्रैक्ट कैर्री प्राइस + मार्जिन ऑफ़ seller /buyer मिलकर डेरीवेटिव के प्राइस को तये करते है,
डेरीवेटिव क्या होता है ? (What is Derivative) – Summary
तो अब फाइनली स्टॉक मार्केट में डेरीवेटिव को समझना हो, तो वो कुछ ऐसा होगा कि –
डेरीवेटिव (Derivative)– एक फाइनेंसियल instrument/contract/product है जिसकी value किसी दुसरे स्टॉक/इंडेक्स /commodity से derive होती है,
ध्यान दीजिए कि – स्टॉक मार्केट में डेरीवेटिव लेगेल कॉन्ट्रैक्ट होते है, और इस कॉन्ट्रैक्ट की सभी नियम और शर्ते, पहले से निश्चित होती है, और लीगली bounded अग्रीमेंट होते है,
thanks depak ji aap ki de hui jankare bahut kaam aayege aap ka dil sy aabhar manta hu dhanyawad
Thanks for details
Apke example kafi kamal ke hai