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इन्सान की कीमत

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इन्सान की कीमत

इन्सान की कीमत , यानी क्या किसी इन्सान की कीमत पता लगा सकते है ?

दोस्तों,

कभी कभी मन में एक सवाल आता है- क्या किसी इन्सान की कीमत लगाईं जा सकती है ?

तो अक्सर यही जवाब मिलता है – नहीं , बिल्कुल नहीं,

किसी भी इन्सान के जिंदगी की निश्चित कीमत, तय नहीं की जा सकती है,

और यही सच भी है –

किसी इन्सान के जिंदगी और उसके सपने की कीमत कोई नहीं लगा सकता, और इसलिए हर इन्सान अपने आप में बहुत ही अनमोल होता है, Price less होता है,

और यही सच है – कोइ भी इन्सान, चाहे वो गरीब हो या अमीर ,वो अपने आप में एक ऐसी चीज है, जिसकी कोइ कीमत नहीं लगाई जा सकती,

लेकिन साथ ही एक और दूसरी सच्चाई ये भी है कि –

हर इन्सान अपनी काबिलियत के अनुसार ही पैसा कमा पाता है,

यानी इसका मतलब है, ये कि –

हर इन्सान के काबिलियत यानी उसके काम करने और कमाने की क्षमता की एक कीमत होती है?

और यही कारण है कि – हर इन्सान अपनी काबिलियत के अनुसार ही पैसे कमा पाता है,

जैसे एक डॉक्टर अपनी डॉक्टर की काबिलियत के अनुसार ही पैसे कमाता है,

और एक मजदुर अपने काबिलियत के अनुसार ही मजदूरी कमा पाता है,

कुछ और एक्साम्प्ल की बात की जाये तो,

जैसे –

मै एक अकाउंटेंट हु, और Accounting करना मेरी काबिलियत है,

और मेरी एकाउंटिंग की काबिलियत के बदले मिलने वाली सैलरी, ही मेरी काबिलियत की कीमत  है,

और दूसरी तरफ एक बिज़नस मैंन , जो बिज़नस करता है, यानि बिज़नस करना उसकी काबिलियत है,

तो ऐसे में  बिज़नस से मिलने वाला लाभ, उसके काबिलियत की कीमत होती है,

तो इस तरह आप देख सकते है कि –

हम सभी के अन्दर जो काबिलियत होती है, उसकी एक निश्चित कीमत लगाईं जा सकती है ?

और इस लिए मै ऐसा मानता हु कि –

काबिलियत और काबिलियत के बदले होने वाली कमाई के आधार पर –

किसी भी इन्सान की कीमत तय की जा सकती है?

और निस्चित तौर पे ये बताया जा सकता है कि –

किसी इन्सान की काबिलियत के आधार पर उसकी क्या कीमत होगी .

ध्यान दीजिए कि –

मैंने पहले ही स्पस्ट कर दिया है कि –

हर इन्सान अपने आप में अनमोल होता है, और किसी इन्सान के सपने और उसके दिल की कोई कीमत नहीं लगाईं जा सकती,

और साथ ही मै इस विडियो से सिर्फ ये बताने कि कोशिस कर रहा हु कि –

किसी इन्सान के अन्दर जो पैसे कमाने की एक काबिलियत होती है, और इसी काबिलियत के आधार पर हर इन्सान की आमदनी अलग – अलग होती है,

किसी की कम , किसी कि ज्यादा,

और इसी अलग अलग आमदनी के आधार पर हम सभी की अपनी एक अलग अलग कीमत भी होती है –

दोस्तों, ध्यान दीजिए कि –

किसी बस्तु की कीमत तब तय होती है – जब दो चीजे के मूल्य में आपस में तुलना की जा सके, और दोनों को आपस में एक निश्चित अनुपात में एक्सचेंज किया जा सके,

जैसे – मै 100 रूपये के बदले २ किलो आम खरीद सकता हु,

यहाँ पर दो चीजे एक्सचेंज हो रही है , २ किलो आम, और उस के बदले 100 रूपये,

और इस तरह दो किलो आम की कीमत हो जाती है – 100 रूपये,

अब ठीक इसी प्रकार हम

किसी इन्सान की काबिलियत और उस काबिलियत की बाजार में मिलने वाली कीमत से, तय कर सकते है कि उस इन्सान कि कुल कीमत क्या होगी ?

और इस तरह एक इन्सान कि कुल कीमत लगाने के लिए,

हमें दो चीज पता करनी होगी,

पहला – इन्सान की एक साल की कमाई

और दूसरा – इन्सान की कमाई के बराबर एक अमाउंट जिसे बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट 1 साल में व्याज के रूप में कमाया जा सके,

ध्यान दीजिए कि –

जितनी गारंटी आपको काम करके सैलरी मिलने की होती है,

उस से ज्यादा गारंटी फिक्स्ड डिपाजिट से व्याज मिलने की होती है,

और इसलिए हम यहाँ इन दोनों की तुलना कर रहे है,

जैसे – एक इन्सान, जो मंथली कमाता है – 5000

और इस तरह उसके पुरे साल की कमाई हो जाती है,  – 60,000/-

और दूसरी तरफ 10 लाख रूपये के फिक्स्ड डिपाजिट में जमा करने से आज 6% से एक साल का व्याज मिल जाता है – 60,000/-

यानि एक तरफ अगर इस इन्सान कि काबिलियत को रख दे और दूसरी तरफ 10 लाख रूपये,

तो दोनों की कीमत बिल्कुल बराबर है,

और अब दोनों को एक दुसरे से बदला जा सकता है,

क्योकि 10 लाख रूपये को बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट करने से एक साल में वो कमाएगा – 60,000/-

और दूसरी तरफ जो इन्सान है, वो भी पुरे साल अपनी काबिलियत से काम करके 60,000/- ही कमाएगा –

इस तरह आप देख सकते  है –

ये इन्सान पुरे साल में 60,000/- रूपये कमा रहा है,

और दूसरी तरफ 10 लाख रूपये भी उतना ही कमा रहा है, 6 % से 60 000

इसका मतलब , ये दोनों ही बराबर है,

और इन दोनों को आपस में एक्सचेंज किया जा सकता है –

यानि फिक्स्ड डिपाजिट की राशी  है 10 लाख , वही उस आदमी की कीमत होगी,

और इस तरह –

5000 रूपये कमाने वाले आदमी की कीमत हो जाती है = 10 लाख रूपये.

तो देखा आपने – किस तरह से आप जान सकते है कि –

किसी इन्सान के काबिलियत की कुल कीमत होगी,

दोस्तों, ध्यान दीजिए ,

मै एक बार फिर इस बात को दोहरा रहा हु कि –

आप किसी इन्सान के जिंदगी , उसके दिल , उसके भावनाओ की कीमत तो नहीं निकाल सकते है,

लेकिन इन्सान के काम करने, और  उसके पैसे कमाने कि क्षमता के आधार पर आप किसी इन्सान की कुल कीमत , बहुत आसानी से निकाल सकते है –

और हम यहाँ पे वही कर रहे है –

जैसे एक और एक्साम्प्ल लेते है –

मान लीजिए ,

अगर एक इन्सान कमा रहा है – 10 हजार रूपये महिना,

तो इस तरह ,वो पुरे साल में कमाता है – 1 लाख 20 हजार रूपये,

और अगर आप उस इन्सान के जीवन कुल कीमत निकालना चाहते है,

तो सबसे पहले आपको ये पता करना होगा

कि- कितने रुपुये बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट में जमा करने पर,

आपको आपको 1 लाख 20 हजार रूपये, एक साल में मिल जायेगा,

अगर बैंक फिक्स्ड डिपाजिट पर, टैक्स काट के 6 % व्याज देती है,

तो इस तरह फिक्स्ड अमाउंट का अमाउंट पता करने का एक फार्मूला है, मान लेते है वो अमाउंट x है जिसका 6% होता है  – 1, 20,000

तो इस तरह से आइए कैलकुलेशन करते है –

X amount का 6% = 1, 20,000

यानि 6x/100= 1,20,000/-

यानी x = 1, 20,000 * 100/6

=20, 00,000/- (बीस लाख रूपये)

यानी 10 हजार रूपये प्रति महीने कमाने वाले, इन्सान के काबिलियत के आधार पर उसकी कुल कीमत है – 20 लाख रूपये,

दोस्तों,

इस फोर्मुले का इस्तेमाल करके आप आसानी से किसी भी इन्सान के उसके हर साल कमाने की क्षमता के आधार पर उसके जीवन की एक कीमत निर्धारित कर सकते है,

फार्मूला याद रखिए –

पहले आपको ये पता करना है कि – आदमी एक साल में कितना कमाता है?

और दूसरा ये पता करना है कि – आदमी जो एक साल में कमाता है, उतना बैंक से व्याज कमाने के लिए बैंक में कितने रूपये जमा करने होंगे,

 

इन्सान की कीमत घटती और बढती रहती है

एक इम्पोर्टेन्ट और ध्यान देने वाली बात ये है कि –

जैसे जैसे किसी इन्सान की आमदनी घटती है या बढती है,

वैसे ही उसकी कीमत भी घटती या बढती है,

जैसे – एक इन्सान अगर 5 हजार कमा रहा है तो उसकी कीमत है – 10 लाख रूपये,

और दूसरा इन्सान जो कमा रहा है – 25 हजार पर मंथ, तो

 उसकी कीमत होगी – 50 लाख रूपये,

 

इन्सान की कीमत समझने के फायदे

और अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये है कि –चलो ठीक है, आप मेरी बात मान लो तो भी आखिर ये समझने और जानने का क्या फायदा है कि –

किसी इन्सान की क्या कीमत है ?

तो दोस्तों,

अब मै आपको यही बताऊंगा कि –

इन्सान को अपनी कीमत समझने के कितने  सारे फायदे है,

तो इन्सान को अपनी कीमत जानने का सबसे पहला फायदा तो ये कि –

इन्सान ये समझ जाता है – हर इन्सान की उसकी काबिलियत और कमाने की क्षमता से उसकी कीमत तय होती है,

इसलिए अगर कोई इन्सान अपनी कीमत बढ़ाना चाहता है, तो उसे अपनी कमाई बढ़ानी होगी,

और कमाई बढाने के लिए उस इन्सान को अपनी काबिलियत भी बढ़ानी होगी,

दूसरा फायदा ये है – अब जब इन्सान को अपनी कीमत पता है, तो किसी तरह  अपनी कीमत के बराबर अमाउंट को फिक्स्ड डिपाजिट में जमा करके, बिना काम किए भी उतना पैसा कमा सकता है जितना कि वो इन्सान पुरे साल में काम करके कमा रहा है, और इस तरह इन्सान को पैसे के लिए काम करने की जरूरत नहीं होती,

जैसे – अगर एक इन्सान जो अपने सभी खर्चो , रोटी, कपडा, मकान और अपनी लाइफ स्टाइल को अपनी 25 हजार महीने की इनकम में पूरा कर ले रहा है,

तो हमारे फोर्मुले के अनुसार उस इन्सान की कुल कीमत होगी – 50 लाख रुपये

तो ऐसे में अगर वो इन्सान फिक्स्ड डिपाजिट में 50 लाख रूपये रख दे, तो बड़ी आसानी से 3 लाख रूपये हर साल व्याज मिल जायेगा,

जो उसके सभी खर्चे पुरे करने के लिए काफी होगा,

और इस तरह अब वो 50 लाख रूपये होने से, वो इन्सान फाइनेंसियल फ्रीडम हासिल कर सकता है, और उसे पैसे के लिए काम करने कि कोई जरुरत नहीं,

और तीसरा फायदा ये होता है कि ,

एक इन्सान अपनी कीमत समझने के बाद, अपनी कीमत के बराबर एक term insurance plan ले सकता है, और हर साल उस टर्म प्लान का प्रीमियम भर करके इस बात को सुनिश्चित कर सकता है, अगर उसकी अचानक से दुर्घटना वश मृत्यु हो जाती है तो तो बिमा कंपनी से उसके परिवार को एक इतनी बड़ी राशी मिल जाये,

कि उस अमाउंट को परिवार वाले, बैंक में फिक्स्ड डिपाजिट कर दे, और व्याज से मिलने वाली राशी से अपने सभी खर्चे पुरे कर सके,

जो वह इन्सान जिन्दा होने पर ,काम करके हर महीने कमा पाता था,

इस तरह आप देख सकते है,

कि इन्सान को अपनी कीमत समझना कितना जरुरी है, ताकि वो अपने लिए थोडा अलग ढंग से सोच सके,

चाहे तो इन्सान अपनी कीमत बढाने के लिए try करता रहे,

चाहे तो अपनी फाइनेंसियल फ्रीडम के लिए काम कर सकता है,

और चाहे टर्म insurance प्लान लेकर, वो अपने परिवार वालो को वो सुरक्षा दे सकता है, जिस से कि उसके इस दुनिया में नहीं होने उसके प्यारे फैमिली वालो पैसो की कमी का सामना न करना पड़े, और न ही उसके बच्चो की पढाई लिखाई या उनके जीवन में कोई बहुत बड़ा खतरा आ जाये,


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